साइबर क्राइम पुलिस द्वारा भोले- भाले लोगो को पैसे का लालच देकर उनसे खाता खुलवाकर खाते की किट प्राप्त करना व उनके खातो का आंनलाइन धोखाधड़ी में प्रयोग करने वाले चार नफर अभियुक्तो को किया गिरफ्तार।
अभियुक्तों के कब्जे से एकअदद कार स्कार्पियों,चार अदद मोबाइल, 14 अदद सिम कार्ड व 1840 रूपये किये गये बरामद
निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन कानपुर एवं श्रीमान पुलिस उप महानिरीक्षक झांसी, परिक्षेत्र झांसी के निर्देश के क्रम में मंगवार को पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार एवं क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय के निकट पर्यवेक्षण में साइबर थाना ललितपुर पुलिस द्वारा थाने पर पंजीकृत सुगंध धाराओं 66डी आईटी एक्ट में मुकद्दमा दर्ज वांछित अभियुक्तगण रितिक मिश्रा . अंकुश यादव अमन मिश्रा शिवम यादव को गोविन्द सागर बांध के पास से गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही की गयी। वादी मुकदमा द्वारा प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया था कि कुछ महिनो पहले मेरे पास रितिक मिश्रा अंकुश यादव एंवं अमन मिश्रा व अन्य तीन लोग आये हुये थे जिन्होने आनलाइन मेरा खाता फेडरल बैंक में खुलवाया था एंव खाता किट अपने पास मगवा ली थी इसके एवज में मुझे पैसा का लालच दिया था कि आपके खाते में एक लाख का वैलिड ट्रान्जेक्शन होगा बाद में उन्होने मेरे खाते से रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर बदलकर अन्य नम्बर डाल दिया बाद में मेरे साथियो ने बताया कि रितिक मिश्रा व उसके साथी लोगो से खाते खुलवाकर खातो में साइबर क्राइम का पैसा डलवाते है के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया था । प्रार्थना पत्र के आधार पर साइबर थाना ललितपुर में सुसंगत धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया था । घटना के शीघ्र अनावरण हेतु साइबर टीम द्वारा सर्विलांस, सीसीटीवी व मुखबिर के माध्यमों से अपराधियों को चिन्हित कर उनकी रूट मैपिंग की गयी । इसके लिये झांसी, ललितपुर , के विभिन्न स्थानों का सीसीटीवी फुटेज देखे गये । इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा साइबर अपराध में प्रयोग किये गये बैंक खातों के स्टेटमेंट का अवलोकन कर मनीट्रेलिंग को फोलो किया गया । सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस(मैनुअली/टैक्नीकली) के आधार पर अभियुक्तो को गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ पूछने पर बताया कि साहब हम लोगो का एक संगठित गिरोह है जिसमें हम लोग भोले -भाले लोगो को गुमराह कर लोन दिलवाने का लालच देकर तथा अन्य प्रकार के लालच देकर उनका खाता फेडरल बैंक में खुलवा देते हैं और उनके खातो में धोखाधड़ी करके उसमें अपना कम्यूनिकेशन पता डाल देते हैं जिससे उसमे आने जाने वाले रूपये की जानकारी हम लोगो को हो जाती है और खाता धारक को कुछ भी पता नही चलता है । फिर इन्ही खातो को हम लोग साइबर अपराधियों को बेच देते हैं तथा आनलाइन धाोखाधड़ी में प्रयोग करते हैं, जिसके बदले में हमे काफी रूपया मिलता है जिसे हम लोग आपस में बांटकर अपने ऐशो -आराम की जिंदगी जीते हैं