बघौली ब्लाक में ''विधान से समाधान'’ कायर्मक्रम के तहत आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

महिलाओं के हितार्थ कानूनी जानकारी एवं लाभकारी योजनाओं से कराया अवगत

बघौली ब्लाक में ''विधान से समाधान'’ कायर्मक्रम के तहत आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

निष्पक्ष जन अवलोकन

विजय कुमार सैनी

संत कबीर नगर । जनपद न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी के निर्देशन में बघौली ब्लाक सभागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला जज महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अधिकारों के प्रति जागरुक होने के लिए महिलाओं को विधिक जानकारी का होना आवश्यक है।

          उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध जैसे एसिड हमला, दुष्कर्म, अपहरण, मानव तस्करी, क्रूरता, दहेज उत्पीड़न अथवा अन्य किसी भी अपराध के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाएं पीड़िता को झकझोर कर रख देती है। दोषियों को सजा देने का कार्य न्यायालय का है, जरुरत है समय रहते आवाज उठाने की। यदि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहेंगी तभी अपने आस-पास के लोगों की मदद कर सकती है। उन्होनें कहा कि समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार अगर बात वेतन मजदूरी की हाे तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है। कायर्स्थल पर हुए यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार आपको यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है। शिकायत पर तत्काल करवाई होगी । यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को नाम न छापने देने का अधिकार है। अपनी गोपनीयता की रक्षा करने के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिला अकेले अपना बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी मे या फिर जिलाधिकारी के सामने दर्ज करा सकती है। श्री सिंह ने कहा कि बलात्कार की शिकार हुई किसी भी महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है। यदि किसी भी महिला को विधिक सहायता की आवश्यकता होती है तो ये जरूरी है कि वह विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील अथवा अन्य लीगल एड की व्यवस्था करने के लिए सूचित करे, न्यायिक अधिकारी अभिनव त्रिपाठी ने बताया की एक महिला को सूरज डूबने के बाद और सूरज उगने से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता। किसी खास मामले में एक प्रथम श्रेणी मजिस्टृेट के आदेश पर ही ये संभव है। किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तो उस पर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जांच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए। लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ अन्जय कुमार श्रीवास्तव ने भ्रूण हत्या तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित कानून एवं नालसा द्वारा जारी सेवाओं तथा टोलफ्री नंबर 15100 के लाभ के बारे में भी विस्तार से बताया। बाल कल्याण समिति की सदस्या गीता सिंह ने महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त कुरीतियों की चर्चा करते हुए उनसे सजगता से पेश आने की बात कही। तहसीलदार खलीलाबाद जनार्दन मौर्या ने तहसील स्तर पर संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। खंड विकास अधिकारी आनंद गुप्ता ने उपस्थित आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सहायक खंड विकास अधिकारी दिलीप कुमार पांडेय, समन्वयक अजीत कुमार मिश्र, मयंक सिंह, प्राधिकरण के कार्यालय सहायक राम भवन चौधरी, वीरेंद्र कुमार, पराविधिक स्वयं सेवक अनिल राय, मनीष वर्मा सहित आदि भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।