समाज में फैली बुराइयां मन की बीमारियां हैं: तृप्ति शास्त्री

निष्पक्ष जन अवलोकन

समाज में फैली बुराइयां मन की बीमारियां हैं: तृप्ति शास्त्री

निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशांत जैन। बिल्सी(बदायूँ )। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी स्थित प्रज्ञा यज्ञ मंदिर पर रविवार की सुबह आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग आयोजित किया गया। जिसमें सामवेद के मंत्रों के साथ यज्ञ में आहुतियां दी गई। प्रश्रय आर्य जय ने कहा कि हमें बालकों की तरह निश्चल व निष्कपट होना चाहिए। जैसे बालक आपस में लड़-झगड़ लेते हैं किंतु शीघ्र ही आपस में मिल जाते हैं। वह काम, क्रोध, लोभ, मोह से दूर होते हैं मन के सच्चे होते हैं। यदि बड़े लोग भी ऐसे ही बुराइयों से बचे रहें मन पवित्र रहे तो धरती पर कभी युद्ध ना हो। सब सुखी व स्वस्थ हों। तृप्ति शास्त्री ने कहा कि शरीर में रोग होने पर हम डॉक्टर से दवा लेते हैं पर मन बीमार हो जाए तो उसकी तरफ ध्यान नहीं देते। समाज में फैली बुराइयां मन की बीमारियां हैं, जिनका इलाज सद्विचार है। इस मौके पर संतोष कुमारी, साहब सिंह, राकेश आर्य, पंजाब सिंह, ईशा, मोना, तानिया, मिथिलेश कुमारी आदि मौजूद रहे।