बन हमारी राष्ट्रीय संपदा ,इसे बचाना हम सभी का कर्तव्य:- देव ठाकुर
निष्पक्ष जन अवलोकन

निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशांत जैन। बिल्सी(बदायूँ):-नगर में कई वर्षों से कार्यरत अरिहन्त वृक्षारोपण समिति के तत्वावधान में आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर समिति संस्थापक प्रशान्त जैन की अध्यक्षता में सभी पदाधिकारियों ने पौधारोपण कर लोगो को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया । ट्री-मैन प्रशान्त जैन ने वहाँ उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा ,की विश्व वानिकी दिवस का उद्देश्य है कि विश्व के सभी देश अपनी वन-सम्पदा की तरफ ध्यान दें और वनों को संरक्षण प्रदान करें। भारत में भी वन-सम्पदा पर्याप्त रूप से है। भारत में 657.6 लाख हेक्टेयर भूमि (22.7 %) पर वन पाए जाते हैं। वर्तमान समय में भारत 19.39 % भूमि पर वनों का विस्तार है और छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे ज्यादा वन-सम्पदा है उसके बाद क्रमश: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य में।भारत सरकार द्वारा सन 1952 ई. में निर्धारित "राष्ट्रीय वन नीति" के तहत देश के 33.3 % क्षेत्र पर वन होने चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में ऐसा नहीं है। जिला उपाध्यक्ष देव ठाकुर ने कहा कि वन-भूमि पर उद्योग-धंधों तथा मकानों का निर्माण, वनों को खेती के काम में लाना और लकड़ियों की बढती माँग के कारण वनों की अवैध कटाई आदि वनों के नष्ट होने के प्रमुख कारण है। इसलिए अब समय आ गया है कि देश की "राष्ट्रीय निधि" को बचाए और इनका संरक्षण करें। हमें वृक्षारोपण (पेड़-पौधे लगाना) को बढ़ावा देना चाहिए।उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में प्रसिद्ध पर्यावरणविद कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने कहा था कि -"वृक्षों का अर्थ है जल, जल का अर्थ है रोटी और रोटी ही जीवन है।" इस अवसर पर संरक्षक विष्णु असावा,देव ठाकुर, डॉ नीरज अग्निहोत्री, डॉ श्री कृष्ण गुप्तापीयूष वार्ष्णेय,अनुज वार्ष्णेय,रमेश बाबू शर्मा, सौरभ वर्मा समेत कई पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे ।