मलेरिया जांच में खेल निगेटिव मरीज को बना रहे पॉजीटिव
मलेरिया जांच में खेल निगेटिव मरीज को बना रहे पॉजीटिव
निष्पक्ष जन अवलोकन
सतीश कुमार सिंह
24 घंटे में 42 हजार से 1.60 लाख पहुंची प्लेटलेट्स की की निजी पैथोलॉजी संचालकों की मनमानी पड़ रही भारी
सभी पैथोलॉजी का चेक होगा पंजीकरण
क्षेत्र के संचालित सभी पैथोलॉजी के रजिस्ट्रेशन दिखाई जाएंगे जिनकी रिपोर्ट भ्रामक मिली है उन संचालकों को नोटिस दिया गया है डॉक्टर अनिल कुमार सचान सीएससी अधीक्षक सांडा सकरन
सकरन सीतापुर मंडोर गांव निवासी राजेश को 10 अगस्त को कुछ कमजोरी महसूस हुई चिकित्सा सलाह पर उसने एक निजी लैंब में ब्लड की जांच कराई जांच रिपोर्ट में प्लेटलेट्स अकाउंट 42 हजार आई उसके बाद उसी दिन राकेश ने विसवां कस्बा क्षेत्र में फिर से जांच कराई जहां प्लेटलेट्स अकाउंट 1.60 लाख निकालीं राकेश ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की यह महज बानगी भर है निजी पैथोलॉजी सेंटर मरीज को भ्रामक जांच रिपोर्ट दे रहे हैं
बिना एलटी के हो रहा संचालन सकरन व सांडा में सीएससी के पास कई पैथोलॉजी सेंटर मानक पूरे किए बिना संचालित हो रहे हैं लबों का संचालन बिना एलटी के किया जा रहा है लैब में तैनात युवा डॉक्टर के क्लीनिक पर जाकर मरीजों का ब्लड सैंपल निकाल न लाते हैंइसके बाद जांच रिपोर्ट एक घंटे के भीतर उपलब्ध कर देते हैं सूत्रों की माने तो लैबों के लिए जांच लिखने वाले चिकित्सकों का 50 से 60 फ़ीसदी तक कमिशन फिक्स रहता है
मलेरिया नेगेटिव मरीज को बताया पॉजिटिव
महाराज नगर निवासी दीपक ने 12 अगस्त को एक निजी लैब में खून की जांच कराई रिपोर्ट में प्लेटलेट 62 हजार और मलेरिया पॉजिटिव निकला लेकिन बीमारी को लेकर लक्षण नहीं दिखाई दिए शक होने पर उसने लखीमपुर की एक लाइव में दूसरे दिन जांच कराई वह मलेरिया नेगेटिव व प्लेटलेट्स 1.88 लाख निकली दो लाख वाले शख्स को डी 70 हजार अकाउंट की रिपोर्ट सकरन निवासी नसीम ने 14 अगस्त को एक निजी चिकित्सालय के कहने पर अपनी जांच कराई थी जांच रिपोर्ट में 70 हजार प्लेटलेट्स व टाइफाइड पॉजिटिव बताया गया उसी दिन विसवां की एक लैंब में जांच करने पर प्लेटलेट्स दो लाख निकले इसकी शिकायत सीएमओ से की है सीएमओ से बात की गई उन्होंने बताया की क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर अवैध क्लिनिक वह पैथोलॉजी की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह है कि जांच होती है या फिर गाजर क्षेत्र की जनता को यूं ही अपनी गावानी पड़ती रहेगी जान या आने वाला वक्त ही बताएगा क्या स्वास्थ्य महकमा करेगा उचित कार्रवाई