विकासखंड सकरन में महा भ्रष्टाचार लोकायुक्त की जांच से मचा हाहाकार

विकासखंड सकरन में महा भ्रष्टाचार लोकायुक्त की जांच से मचा हाहाकार

विकासखंड सकरन में महा भ्रष्टाचार लोकायुक्त की जांच से मचा हाहाकार

निष्पक्ष जन अवलोकन 

सतीश कुमार सिंह 

विकासखंड सकरन में लोकायुक्त के निर्देश पर जांच शुरू

सीतापुर सकरन विकासखंड सकरन की ग्राम पंचायत सांड में करोड़ों का जमकर भ्रष्टाचार हुआ था जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से बार-बार की गई उप जिलाधिकारी विसवां के निर्देश पर तीन सदस्य समिति गठित कर ग्राम पंचायत के कार्यों की जांच कराई गई जांच में मानक विभिन्न घटिया निर्माण सामग्री वह बगैर टेंडर प्रक्रिया का पालन किए हुए अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया गया जिसमें भारी पैमाने पर अनियमिताएं पाई गई वहीं पर फैयाज के घर से केवानी नदी तक चक मार्ग बनाकर लाखों रुपए निकाल लिए गए जो की जांच समिति को जांच के समय कार्य मौके पर नहीं मिला वहीं पर नाला निर्माण का कार्य दिखाया गया जिस पर जांच समिति ने मानक विहीन होने का जांच में साफ लिखा जांच में दोषी पाए जाने पर भी उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही थी और भ्रष्टाचार्यों को संरक्षण देने का कार्य कर रहे थे सचिन संतलाल पटेल व प्रधान प्रतिनिधि व के आर एस की मिली भगत से यह लाखों का भ्रष्टाचार किया गया था जिसकी शिकायत लगातार जिलाधिकारी सीडीओ सीतापुर डीपीआर तो खंड विकास अधिकारी सकरन से बार-बार की गई जांच में स्पष्ट रूप से दोषी पाए जाने पर भी कार्यवाही जब नहीं की गई तो शिकायतकर्ता ने माननीय लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया और साक्ष सहित अपनी बात को उनके समक्ष रखा वहीं पर आए से अधिक संपत प्रधान बाजी पर बनाने के आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए समस्त अभिलेखों का गहन निरीक्षण करने के बावजूद लोकायुक्त महोदय ने उच्च स्तरीय समिति गठित कर विधिवत समस्त कार्यों की जांच करने का निर्देश दिया उनके निर्देश पर विश्व उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन कर जांच प्रारंभ की गई हर तरह से भ्रष्टाचारियों को बचाने में व संरक्षण देने में बड़े बाबू जो की एनआर के पद पर तैनात हैं सबसे अहम भूमिका उनके द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण देने में की गई वहीं पर जेआरएस सुभाष वर्मा द्वारा जांच शुरू होने से पूर्व एक माह पूर्व ट्रांसफर हो गया था जांच के समय जिन अभिलेख पर बी वह माफ पुस्तिका पर किसी भी तकनीकी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे इसके बाद जीआरएस की मिली भगत से व सचिव संतलाल पटेल के काले कारनामों को छुपाने के लिए फर्जी रूप से स्पष्टीकरण में दस्तक करके बढ़ाने की कोशिश की गई

बॉक्स

जेई आर एस के काले कारनामे उजागर होंगे जांच में

जेई आर एस द्वारा जांच के समय अभिलेख पर एमबी माप पुस्तिका पर हस्ताक्षर नहीं थे जांच समिती द्वारा स्पष्ट रूप से इस बात का अपनी जांच में उल्लेख किया गया है लेकिन भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने व बचाने में वह स्वयं भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण जांच समिति की रिपोर्ट के बाद उनके द्वारा उन पर हस्ताक्षर कर दिए गए जो की स्पष्टीकरण में लगाकर भ्रष्टाचारियों को बचाने का कार्य किया गया इसकी जानकारी जब शिकायतकर्ता को हुई तो उनके द्वारा आरटीआई से समस्त दस्तावेज स्पष्टीकरण के मांगे गए स्पष्टीकरण के दस्तावेजों का मिलान करने पर पूव तैनात विकासखंड सकरन में जेईआरयस भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने के लिए लेकिन लोकायुक्त की जांच में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा भ्रष्टाचारी किसी भी कीमत पर बक्से नहीं जाएंगे सभी के प्रति सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी साक्ष्य स्पष्टहै