कानपुर देहात का एक ऐसा मंदिर जंहा देवी मां के 1 दिन में दिखाई देते तीन स्वरूप

कानपुर देहात का एक ऐसा मंदिर जंहा देवी मां के 1 दिन में दिखाई देते तीन स्वरूप

निष्पक्ष जन अवलोकन।

अंकित तिवारी।

कानपुर देहात नवरात्रि के दिनों में देवी मंदिरों की एक अलग महिमा होती है। जगह जगह अलग अलग रूपों में विराजमान आदिशक्ति के मंदिरों में उनके ही जयकारे गुंजायमान होते हैं। श्रद्धालु पूजन अर्चना कर माता को प्रसन्न कर मनौती मांगते हैं। ऐसा ही एक सिद्धपीठ मंदिर कानपुर देहात के मूसानगर कस्बे में स्थापित है। इस कस्बे का नाम इस मुक्तेश्वरी देवी मंदिर के नाम पर मुक्तानगर पड़ा था, जो बाद में मूसानगर में बदल गया। भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के मूसानगर कस्बे के निकट त्रेता युग का इतिहास समेटे यमुना तट पर स्थित यह मां मुक्तेश्वरी देवी का मंदिर भक्तों की आस्था व आराधना का केंद्र है। हिंदू शास्त्रों में कई दिव्य मंदिरों का उल्लेख देखने को मिलता है। जिनकी कथाएं या मान्यताएं लोगों को हैरत में डाल देती है और काफी रहस्यमयी मानी जाती है। एक ऐसा ही मंदिर है जो अपने चमत्कारों के लिए जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में देवी मां दिन में तीन बार अपना स्वरूप बदलती हैं। नवरात्रि के दिनों में मां के दर्शनों के लिए काफी भीड़ लगती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में मां के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति के हर एक कष्ट दूर हो जाते हैं। 

मुक्तेश्वरी देवी 3 बार बदलती है अपना स्वरूप 

मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि मां मुक्तेश्वरी की प्रतिमा दिन में तीन बार अपना स्वरूप बदलती हैं। सुबह के समय मूर्ति बाल अवस्था में होती है और दोपहर में युवावस्था और शाम ढलते-ढलते वृद्धावस्था में प्रतीत होती हैं।

मां सती से भी है संबंध

 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहां पर दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्रवेश कर चुकी माता सती का मुकुट यहीं पर गिरा था। मुकुट गिरने के कारण इस जगह का नाम मुकुटेश्वरी पड़ा। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। समय के साथ इस मंदिर का नाम बदलकर मुक्तेश्वरी हुआ।