महर्षि वाल्मिकी जयंती के अवसर पर नगर में निकाली गई भव्य शोभा यात्रा

महर्षि वाल्मिकी ने रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्रीय मूल्यों को जन जन तक पहुंचाया,मंदिरों पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम व अखंड रामायण पाठ

महर्षि वाल्मिकी जयंती के अवसर पर नगर में निकाली गई भव्य शोभा यात्रा

रामायण के पात्रों के भेष में छोटे बच्चे रहे आकर्षण का केंद्र,अखाड़ा व महिला सशक्तिकरण की झांकियां भी सजाई गईं

निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविंद कुमार पटेल। ललितपुर। गुरुवार को जनपद में वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्रीय मूल्यों के व्यापक प्रचार-प्रसार व जन सामान्य को इससे जोड़ने के उद्देश्य से शासन द्वारा 17 अक्टूबर को प्रदेश के समस्त जनपदों में महर्षि वाल्मीकि जयन्ती भव्य रूप से मनाये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके क्रम में जनपद में महर्षि वाल्मीकि मंदिरों में भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम रामायण पाठ भजन आदि कार्यक्रमों का भव्य आयोजन हुआ, साथ ही शहर में भव्य जुलूस एवं शोभा यात्रा निकाली गई। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देशन में पूर्व से ही समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई थीं, जुलूस मार्गों पर साफ सफाई, सड़क मरम्मत, पेयजल, विद्युत व पुलिस बल की तैनाती की गई। शासन के निर्देशों के क्रम में जनपद में आज महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि मंदिरों में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन कराए गए, साथ ही नगर में वाल्मीकि समाज के लोगों ने भव्य शोभायात्रा निकाली, जो आकर्षण का केंद्र रही। जुलूस में छोटे बच्चे रामायण के सभी पात्र बने, श्रीराम दरबार, महर्षि वाल्मिकी, हनुमान, माता सीता सहित मौनी नृत्य, सैरा, दिल दिल घोड़ी, अखाड़ा, महिला सशक्तिकरण झांकियां, सजाई गईं। जुलूस जेल चौराहा स्थित महर्षि वाल्मिकी मंदिर से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य चौराहों, सार्वजनिक स्थलों से होकर वापस मंदिर पर समाप्त हुआ। इस दौरान प्रमुख मंदिरों पर दीप दान, पूजन, भजन कीर्तन, रामायण पाठ व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान जनसमुदाय को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य सामाजिक मूल्यों, मानव मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों की स्थापना के आदर्श बताए गए। बताया गया कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा अपने ग्रंथ में वर्णित स्थल जिन्हें राम-जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग आदि के रूप में जाना जाता है। ऐसे लगभग 280 स्थल आज भी सम्पूर्ण भारत में विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश में राम-जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग के अन्तर्गत अनेक स्थल विद्यमान हैं, जहां पर भारतीय संस्कृति के मूल तत्व एवं मान्यताएं आज भी सुरक्षित हैं। ऐसे महान महर्षि वाल्मीकि जी की जयन्ती को सम्पूर्ण प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आयोजन के दौरान जेल चौराहा मंदिर पर विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया।