धर्म लाभ लेने पहुंचे हजारों श्रद्धालु:सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन, विशाल भंडारे का हुआ आयोजन।

धर्म लाभ लेने पहुंचे हजारों श्रद्धालु:सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन, विशाल भंडारे का हुआ आयोजन।

निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। विकासखंड महरौनी अंतर्गत ग्राम पंचायत लरगन में स्थित कारसदेव बाबा मंदिर में 17 नवंबर 2024 से चल रही भागवत कथा रविवार को समापन हो गई। कथा के समापन के बाद हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। कथा व्यास श्री धाम  वृंदावन से आए कथा बचक बाल ब्यास रागनी भारती के मुखारविंद से कथा में। 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। बाल ब्यास रागनी भारती ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। बाल ब्यास रागनी भारती ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन रविवार को विधिविधान से पूजा करवाई। श्री धाम  वृंदावन से आए कथा बचक बाल ब्यास रागनी भारती के मुखारविंद से कथा का श्रावण करने लरगन सहित मुड़िया कुम्हेड़ी गढ़ौली कला फार्म बारोंन अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से हर दिन सैकड़ों संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।