इटावा में आरपीएफ पुलिस बनी देवदूत ट्रैन के नीचे आई महिला को समय रहते बचाया

इटावा में आरपीएफ पुलिस बनी देवदूत ट्रैन के नीचे आई महिला को समय रहते बचाया

निष्पक्ष जन अवलोकन।

नितिन दीक्षित।

इटावा। रेलवे जंक्शन पर ट्रेन से उतरते समय महिला महानंदा एक्सप्रेस के नीचे आ गई। महिला के ऊपर से ट्रेन के कई डिब्बे ऊपर से गुजर गए। गनीमत रही कि महिला बाल बाल बच गई। उसके एक भी खरोंच भी नहीं आई। पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।डिप्टी एसएस और आरपीएफ ने ट्रेन रुकवाकर महिला को सकुशल बाहर निकाला। महिला अपने परिवार समेत दिल्ली से कन्नौज जा रही थी। महिला ने टीटी पर 600 रुपए मांगने न देने पर ट्रेन से उतारने का आरोप लगाया।

कन्नौज के लिपुरी कालोनी की रहने वाली सोनी 32 वर्ष अपने पति अय्यूब और चार बच्चों के सात दिल्ली में रह रही थी। उसका पति दिल्ली में काज बटन का काम करता था। जहां से गुरुवार को सोनी अपने पूरे परिवार सहित महानंदा एक्सप्रेस से वापस आ रही थी।दोपहर करीब 12:58 पर ट्रेन जंक्शन के प्लेटफार्म तीन पर आकर रुकी तो सोनी और उसका पति तीनों बेटियों कैफा, फलख, हादिया और बेटे हमजा को उतारकर सामान निकालने लगा। इसी बीच 2 मिनट के स्टॉपेज के बाद ट्रेन का सिग्नल हो गया और चलने लगी। जिससे सोनी का सामान ट्रेन में छूट गया। जिसे निकालने के लिए सोनी दोबारा ट्रेन में चढ़ने के प्रयास में प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच जा गिरी।

इस बीच 3 से 4 ट्रेन के डिब्बे महिला के ऊपर से गुजर गए। यह घटना देख पति और बच्चों समेत अन्य यात्री शोर मचाना शुरू कर दिया। जिस पर आनन फानन में उप स्टेशन अधीक्षक रवि गोयल ने वायरलेस में एनाउंस कर ट्रेन के ड्राइवर को सूचना देकर ट्रेन को रुकवाया। गनीमत रही कि ट्रेन के नीचे आने के बाद भी महिला को खरोंच तक नहीं आई।आरपीएफ के उपनिरीक्षक मुकेश विश्वकर्मा, हेड कांस्टेबल रामनरेश, कांस्टेबल अनिल मौके पर पहुंचे। महिला को सकुलश देख राहत की सांस ली। उसे जिला अस्पताल भिजवाया। इस घटना की वजह से ट्रेन 6 मिनट बाद 1 बजकर 4 मिनट पर कानपुर के लिए रवाना की गई।

सोनी ने आरोप लगाया कि ट्रेन में भीड़भाड़ के कारण वह लोग स्लीपर कोच में चढ़ गए थे। उनके पास जनरल टिकट था लेकिन टीटी ने यही इटावा में उतार दिया ।