मुकदमा वापस नहीं लिया तो पुलिस के फर्जी गुडवर्कों का खुलासा अब पत्रकार करेंगे: अशोक तिवारी

ऐप्जा के जिलाध्यक्ष अशोक तिवारी बदोसरांय पुलिस के कृत्यों से आक्रोशित

निष्पक्ष जन अवलोकन। योगेश जायसवाल। बाराबंकी। एक तरफ देश व प्रदेश की सरकारें पत्रकारों की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है तो वहीं जनपद की पुलिस योगी सरकार की किरकिरी कराने में पीछे नहीं हट रही है। लगातार पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार किये जा रहे हैं, अगर दो दिन में बदोसरांय पुलिस द्वारा दर्ज किया गया फर्जी मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो ऐप्जा संगठन के पदाधिकारी आगे की रणनीति तय करेंगे। मालूम हो कि सच की आवाज उठाने वाले पत्रकार अनिल कनौजिया ने जब चोरी का खुलासा न कर पाने में नाकाम पुलिस के विरूद्ध वादी मुकदमा का बयान चलाया तब स्थानीय पुलिस हरकत में आई और खुलासे के बजाय पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करके अपने मित्र पुलिस होने का सबूत पेश कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित कमरुद्दीन ने बयान दिया मे कहा था की चोरी होने के बाद मात्र उसी दिन पुलिस ने जांच पड़ताल की थी उसके बाद पूंछने तक नहीं आई। जिस पर पत्रकार अनिल कनौजिया ने निष्पक्षता पूर्ण खबर अपने चैनल में प्रकाशित कर दिया जिसका उच्च अधिकारियों ने संज्ञान ले लिया जिससे नाराज होकर बदोसरांय पुलिस ने हमेशा सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकार अनिल कनौजिया के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया जो मीडिया जगत के लिए थानाध्यक्ष के द्वारा खुली चुनौती है कि जो सच दिखायेगा उसको ईनाम में मुकदमा मिलेगा। कोतवाली बदोसरांय में तैनात उप निरीक्षक विश्वनाथ सिंह ने मुकदमा पंजीकृत करवाकर पत्रकार के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया जिससे पत्रकार समाज काफ़ी नाराज हैं। उपनिरीक्षक ने मुकदमें में बताया की की स्थानीय थाने से कोई अपडेट नहीं लिया गया है जबकि पत्रकार ने रामनगर क्षेत्राधिकारी सौरभ श्रीवास्तव से वर्जन लिया था जिसपर क्षेत्राधिकारी ने जल्द खुलासा करने की बात कही थी। वहीं ऐप्जा पत्रकार संगठन के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार तिवारी ने नाराजगी जताते हुए बताया कि पत्रकार के विरूद्ध लिखा गया मुकदमा अगर दो दिन में समाप्त नहीं हुआ तो संगठन तय करेगा आन्दोलन की रूपरेखा और पुलिस विभाग के द्वारा किये जा रहे फर्जी गुडवर्क का खुलासा अब पत्रकार करेंगे और जनता व सरकार के समक्ष सच्चाई को उजागर करेंगे।