काकोरी ट्रेन एक्शन की 100 वीं वर्षगांठ शुक्रवार को लालबाग स्थित शहीद पार्क में कार्यक्रम का आयोजन कर वीर शहीदों को नमन किया गया।
काकोरी ट्रेन एक्शन की 100 वीं वर्षगांठ शुक्रवार को लालबाग स्थित शहीद पार्क में कार्यक्रम का आयोजन कर वीर शहीदों को नमन किया गया।
निष्पक्ष जन अवलोकन
सतीश कुमार सिंह
सीतापुर/लालबाग शहीद पार्क में आयोजित समारोह के अवसर पर मा0 कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही, जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल, अपर जिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह तथा नगर पालिका अध्यक्ष सीतापुर नेहा अवस्थी ने शहीद स्तम्भ पर शहीदों को पुष्पाजंलि देकर नमन कर एवं दीप प्रज्जवलित करते हुये स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के साथ हवा में गुब्बारें छोड़े। साथ ही माननीयों एवं अधिकारियों द्वारा शहीद अशफाकुल्ला खां, शहीद रोशन जी, शहीद सचिंद्र बक्शी जी, शहीद सचिंद्र सान्याल जी, शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी जी, शहीद राम प्रसाद बिस्मिल जी की स्मृति में पोधरोपित किया गया। मा0 राज्य मंत्री कारागार द्वारा निर्देशित किया गया कि पौधों को बचाने हेतु सभी पौधों में ट्री-गार्ड अवश्य लगाये जायें। कार्यक्रम के दौरान उदय प्रताप द्विवेदी जी ने लालबाग पार्क के इतिहास पर संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इसके उपरान्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को अंग वस्त्र पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। लोकगायिका सुश्री अदिति शुक्ला द्वारा स्वागत गीत आज मेरे राम घर आये हैं लोकगायिका सुश्री राधिका श्रीवास्तव द्वारा देशभक्ति गीत ऐ मेरे वतन के लोगों तथा अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद सीतापुर वैभव त्रिपाठी ने भी देशभक्ति गीत का गायन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मा0 कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन जो आज तक काकोरी काण्ड के नाम से जानी जाती थी, हमारे देश के सैनिक थे, जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराया। इसका नाम इसलिये बदल दिया गया क्योंकि ‘कांड’ शब्द भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तहत इस घटना के अपमान की भावना को दर्शाता है। काकोरी ट्रेन एक्शन एक ट्रेन डकैती थी, जो 9 अगस्त, 1925 को लखनऊ के पास काकोरी नामक गाँव में ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारियों द्वारा की गई थी। इस डकैती कार्यवाही को हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान, राजेंद्र लाहिड़ी, केशव चक्रवर्ती, मुकुंदी लाल, बनवारी लाल सहित 10 क्रांतिकारियों ने अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान और रोशन सिंह को 19 दिसंबर, 1927 को काकोरी डकैती में शामिल होने के लिये फाँसी पर लटका दिया गया था। उन्होंने कहा कि लालबाग को किसी और ही नाम से जाना जाता था, लेकिन जब यहां पर स्वतंत्रता सेनानियों पर गोलियां चलीं तभी से इसका नाम लालबाग पड़ा। उन्होंने कहा कि देश तो आजाद है ही, लेकिन हम लोगों को अपनी मानसिकता को भी आजाद करना है। हमारी सरकारें देश को आगे बढ़ाने के लिये निरन्तर कार्य कर रही है, हम सभी को उसमें सहयोग करना चाहिये। हम सभी प्रण करें कि अपने शहर को साफ-सुथरा रखें और यही एक श्रद्धांजलि होगी अमर शहीदों के लिये।
जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा कि ने काकोरी ट्रेन एक्शन की 100 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को नमन किया गया एवं उनके उत्तम स्वास्थ्य तथा लम्बी आयु की कामना भी की।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल एवं नगर पालिका अध्यक्ष सीतापुर नेहा अवस्थी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राज शर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र सिंह, अधिशासी अधिकारी वैभव त्रिपाठी सहित संबधित अधिकारी उपस्थित रहे