लाखों की लागत से बने पंचायत भवन में लटक रहा ताला सरकार के आदेशों को ग्राम प्रधान और सचिव ने बदल डाला

लाखों की लागत से बने पंचायत भवन में लटक रहा ताला सरकार के आदेशों को ग्राम प्रधान और सचिव ने बदल डाला

निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रताप तिवारी। लाखों की लागत से बने पंचायत भवन में लटक रहा ताला सरकार के आदेशों को ग्राम प्रधान और सचिव ने बदल डाला सीतापुर---- जिले के विकास खण्ड रामपुर मथुरा इलाके में योगी सरकार के अरमानों पर गांव की सरकार पानी फेर रही है।मामला विकास खंड रामपुर मथुरा की ग्राम पंचायत महिमापुर से जुड़ा हुआ है। जहां पर अभी हाल ही में सरकार के द्वारा लाखों रुपए खर्च करके ग्रामीणों को शासकीय जानकारी जमीनी स्तर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक सुंदर सा ग्राम सचिवालय बनवाया गया।जिससे ग्रामीणों को सरकार की योजनाओ की जानकारी और लाभ मिल सके।लेकिन बीते दिवस की गई मीडिया टीम की पड़ताल में सच्चाई सामने आई कि महिमापुर के प्रधान और सचिव आपस मे मिलकर साठ गाँठ करके शासन प्रशासन के निर्देशों को ताख पर रखकर अपने नियम कानून से चला रहे हैं।सरकार का भारी बजट खर्च कर बनवाये गए ग्राम सचिवालय में ताला लटक रहा है और सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिये ग्रामीण इधर उधर भटक रहे हैं।यही नहीं पंचायत सहायक हर माह का अपना मानदेय लेकर मौज कर रहा है।जबकि दीवारो पर साफ शब्दों में लिखा हुआ है कि प्रत्येक दिन सचिव को छोड़ कर सभी लोग पंचायत भवन में बैठेंगे। ग्राम स्तर पर उपस्थित को तो दर किनार कर दीजिए यहां तो स्थानीय स्तर प्रधान और सचिव का दीदार होना बड़ी बात है।अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?लगातार खबरों के माध्यम से विकास कार्यों की जमीनी हकीकत महकमे के उच्चधिकारियों तक पहुँच रही है फिर भी उच्च स्तर के लोग अनजान हैं।विकास को लेकर ब्लाक के मुख्य जिम्मेदार बिल्कुल बेपरवाह है। इस ग्राम पंचायत में बना पंचायत भवन गांव की आवाम के लिए निरर्थक साबित हो रहा है लोगों की माने तो इसमें हमेशा ताला ही लटकता रहता है। मनमानी के चलते महिमापुर में बने मिनी सचिवालय का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। कारण कहां है कुछ उसका अता-पता नहीं है। हकीकत को देखकर आप खुद हैरत में पड़ जाएंगे फिलहाल इस पंचायत के भवन के बारे में जितना कुछ कहा जाए उतना लापरवाह जिम्मेदारो के लिये कम ही है।इस ग्राम पंचायत की उच्च अधिकारी द्वारा जांच कर ली जाए तो संभवत सभी सच्चाइयां सामने आ जाएंगे। इस पंचायत भवन के बारे में जब ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी खण्ड विकास अधिकारी से जानकारी करनी चाही गई तो उनका फोन नहीं उठा।