जल दीपोत्सव मनाकर दिया गया जल संरक्षण का संदेश

जल दीपोत्सव मनाकर दिया गया जल संरक्षण का संदेश

रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी। निष्पक्ष जनवलोकन। रूद्रपुर, देवरिया । शनिवार को क्षेत्र के ग्राम सभा हड़हा में जल दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन कर जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया । यह आयोजन ग्राम्य विकास सेवा संस्थान संत कबीर नगर के तरफ से आयोजित किया गया था । कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जिला परियोजना प्रबंधन इकाई जनपद देवरिया के आई एस ए समन्वयक राजेश यादव, यूनीसेफ के मण्डलीय कोआर्डिनेटर धर्मेन्द्र, ग्राम्य विकास सेवा संस्थान संत कबीर नगर के समन्वयक राजू कुमार यादव सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे । इस दौरान राजू कुमार यादव ने बताया कि दीप प्रज्वलित सबसे पहले प्रकृति स्रोतों को जीवन का आधार मानकर ही किया जाता है । उन्होंने बताया कि कार्तिक मास के बीचों-बीच दीपावली आई तो अपावन अंधेरी अमावस्या प्राण और चेतना के उजाले से जगमगा उठी। हर साल दीपावली तरह-तरह के सुखद समाचार लेकर आती है। खेत-खलिहान, बाग-बगीचे और राह-डगर में पसरे अंधेरे-उजाले के बीच चैतन्य सेतु बनाती दीपावली का आना सनातन परिपाटी है, जो पुराकाल में शुरू हुई। यह तेज, दीप्ति, द्युति, प्रकाश और प्रभा के मनोभावों का पर्व है। दीपावली विलास और मादकता की अंधेरी लंका को मिटाने वाले श्रीराम की अयोध्या नगरी जैसी प्रकाशित है। दीपावली की रात घोर अंधेरे के बीच प्रकाश की शक्ति सगर्व सिर उठाकर फूट पड़ती है तो देखते ही लगता है कि एक नन्हे से अग्निगर्भ दीप ने आसपास के सारे अंधकार को पराजित कर दिया। उसने अज्ञान के तमस को हरा दिया। यह नन्हा-सा दीप, दीप नहीं भगवती महालक्ष्मी का मुख है। आश्चर्य है कि यह दीप अपनी चोटी में अग्नि बांधकर कैसे धरती पर उतरा होगा! कब इसने धरती को पहले-पहल अपनी आभा से आच्छादित किया होगा ।