जर्जर हालत में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटवाधाम का डाक्टर, फार्मासिस्ट आवास रुकें तो कैसे रुकें स्वास्थ्य कर्मी
निष्पक्ष जन अवलोकन (अजय रावत)
बाराबंकी सिरौलीगौसपुर।जिले के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल कोटवाधाम के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टर फार्मासिस्ट रुकते नहीं है जिसका मुख्य कारण डाक्टर, फार्मासिस्ट व स्वास्थ्य कर्मियों के आवास आधे अधूरे गिरे पडे हुये हैं तथा जर्जर हालत में हैं। तहसील सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल कोटवाधाम के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का वर्ष 1960 में पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष स्वर्गीय महन्त जगन्नाथ बक्श दास साहेब ने सरयू नदी की तलहटी से लेकर तीन दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों के साथ साथ प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार,तथा पूर्णिमा,जन्म सप्तमी को कोटवाधाम में जुटने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए तीन एकड करीब अपनी भूमि पर अस्पताल भवन डिस्पेंसरी भवन डाक्टर, फार्मासिस्ट आवास एंव चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रहने के आवास बाउन्ड्री आदि का निर्माण करवाया था।आज से चार दशक पूर्व लखनऊ कानपुर से थक हार कर लौटनें वाले मरीजों को इस केन्द्र पर तैनात पूर्व डाक्टर, फार्मासिस्ट स्वास्थ्य कर्मियों से स्वास्थ्य लाभ मिला क्षेत्र का नम्बर एक का अस्पताल कहा जाने वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटवाधाम के डाक्टर, फार्मासिस्ट व सर्वेन्ट क्वाटर स्वास्थ्य विभाग की देख रेख के आभाव में तीन दशक से अधिक समय से डाक्टर, फार्मासिस्ट वार्ड ब्वाय स्वीपर चौकीदार आदि आवास जीर्ण शीर्ण होकर गिर रहें हैं। अनेकों बार समाज सेवियों ने स्वास्थ्य महकमें से मरम्मत की मांग करते रहे। वर्तमान में ए एन एम आवास, डिस्पेंसरी भवन जो कि बर्षात में टपकता रहता है।और जल्द ही एक कमरे का वार्ड का निर्माण करवाया गया है डिस्पेंसरी भवन के दक्ष्क्षिण दिशा में एक रुम है। जिसमें अस्पताल संचालित हो रहा है। अस्पताल में पानी की बडी किल्लत है महीनों से बोरिंग करवायी पडी हुई है जिस पर अभी तक मशीन तक नहीं बंधवाई गयी है। डाक्टर, फार्मासिस्ट सुबह 9 बजे आते हैं और 5 बजे केन्द्र छोड देते हैं।स्थानीय नागरिकों ने स्वास्थ्य प्रशासन से मांग किया है कि प्राथमिकता के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन आवासों का जनहित में निर्माण करवाया जाय।ताकि पूर्व की भांति लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।