मौसम की पहली बरसात में ही महुली की सड़क नाले में तब्दील : डॉक्टर अख़लाक़ अहमद समाजसेवी
गत 25 मई को हुए लोकसभा चुनाव में हुयी करारी शिकस्त के बावजूद भी जनप्रतिनिधियों की आंखों की पट्टी अभी तक नहीं खुली है
विजय कुमार सैनी
संत कबीर नगर। उत्तर प्रदेश के जनपद संत कबीर नगर में मौसम का पारा 40 से 45 डिग्री होने के बाद गत सोमवार की देर रात से मौसम ने अपना मिजाज बदला तो साफ सफाई के दम भरने वाले ग्राम पंचायत महुली में लोग चलने के लिए सडक ढूंढ रहे थे । पहली बरसात में न जाने कितनों की पोल खोल के रख दी। बारिश के पानी ने महुली चौराहे के मुख्य मार्ग पर इस तरह पैर पसारा कि लोगों को सड़क नाले में तब्दील नजर आने लगी। आलम यह हैँ की वाहन से चलना तो दूर की बात है वहां पैदल चलना भी नामुमकिन सा प्रतीत होता हैँ। जल जमाव इस तरह हैँ की सड़क पर बने हुए गड्ढे कहां उनका इंतजार कर रहे हैं यह तो खुदा ही जाने । आश्चर्य तो तब होता है जब 5 किलोमीटर पर रहने वाले विधायक जी को भी जन समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं । गत 25 मई को हुए लोकसभा चुनाव में हुयी करारी शिकस्त के बावजूद भी जनप्रतिनिधियों की आंखों की पट्टी अभी तक नहीं खुली है। जनता जनार्दन उन्हीं को अपना मानती है जो जनप्रतिनिधि जमीन पर रहकर जनता से जुड़कर जन समस्याओं का निस्तारण करने में एटी से चोटी का जोर लगाता है। जिला मुख्यालय से मात्र 17 और तहसील मुख्यालय से मात्र 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित महुली अपने आप में अद्वितीय है। महुली की यह सडक मेन मार्केट में होने के कारण यह जनपद बस्ती से भी जुडा हैँ। इस सड़क से रोज हजारों नौनिहाल, दर्जनों विद्यालय में पढ़ने जाते हैं। सैकड़ों UPSC और SSC की तैयारी करने वाले बच्चे इसी सड़क से लाइब्रेरी जाते हैं। इतना ही नहीं इस सड़क से ऐतिहासिक राम जानकी फोरलेन की दूरी मात्र 9 किलोमीटर ही है। यह सड़क सैकड़ों गांव मानपुर, छितही,झिगुरापर, सगड़वा,डोकड़ा मढ़हा, बारीडीहा आदि के लोगो के आने जाने का मुख्य रास्ता है। जिसमें वे महुली आकर अपनी दैनिक जीवन का या आवश्यकता के सभी सामान महुली मार्केट में खरीदारी करते हैं। इसके बाद कोई भी सामान खलीलाबाद या बस्ती ही मिलेगा।
श्री अख़लाक़ ने आगे बताया कि जनप्रतिनिधि लगभग 20 हजार की आबादी वाले इस कस्बे की सैकड़ों गांवो के इस महामंडी की उपेक्षा अवश्य कर सकते हैं। स्वागत है, इसी तरह सम्बन्धित विभागाध्यक्ष लोग अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। आखिर व्यापारी, किसान, मजदूर, इन सबकी जिम्मेदारी भी तो इनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि यथा शीघ्र इन समस्यायों का स्थाई समाधान होना ही चाहिए।