गोमाता की सेवा से हमारे संस्कार एवं संस्कृति की रक्षा होगी उपाध्यक्ष
उपाध्यक्ष गोसेवा आयोग, उ0प्र0 महेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन की समीक्षा बैठक हुई आयोजित। गोमाता की सेवा से हमारे संस्कार एवं संस्कृति की रक्षा होगी उपाध्यक्ष। निष्पक्ष जन अवलोकन संत कबीर नगर । उपाध्यक्ष गोसेवा आयोग, उ0प्र0 महेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी उपस्थित रहे। बैठक में सर्वप्रथम उपाध्यक्ष गोसेवा आयोग, उ0प्र0 महेश कुमार शुक्ल को मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी द्वारा बुके देकर स्वागत किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपाध्यक्ष गोसेवा आयोग, उ0प्र0 महेश कुमार शुक्ल ने सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उपाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि गौवंश के संरक्षण हेतु मुख्यमंत्री उ0प्र0 द्वारा गोसेवा आयोग का गठन करके गोवंशों को संरक्षित करने के लिए छुट्टे पशुओं को वृहद टीम के आधार पर ग्राम प्रधानों के माध्यम से समिति गठित करके गौशाला में संरक्षित किया जा रहा है। समाज के सभी लोगो के सहयोग से गौवंशों का संरक्षण किया जा सकता है। ग्राम पंचायत में 15 लोगो की टीम बनाने का निर्देश दिया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जनपद में गोशालाओं के संचालन सहित गो संरक्षण से सम्बंधित बिन्दुओं को आकड़ेवार अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि जनपद के गोशालाओं में संरक्षित गोवंशों हेतु हरा चारा उगाने के दृष्टिगत जमीन चिन्हित कर हरा चारा उगाया जा रहा है तथा शेष हेतु जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने की दिशा में प्रयास जारी है। उपाध्यक्ष ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित समस्त पशु चिकित्साधिकारियों से उनके अन्तर्गत आने वाले गोशालाओं में गोवंशों की स्थिति, स्वास्थ्य आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए विभिन्न बिन्दुओं पर मार्ग दर्शन किया तथा कहा कि गोशालाओं एवं पशु चिकित्साधिकारियों की संख्या के उचित अनुपात में संरक्षण एवं देख-रेख की जिम्मेदारी सौपी जाए। उपाध्यक्ष द्वारा किसानों को मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत गोवंशों का पालन एवं सेवा करने हेतु प्रेरित करने का भी सुझाव दिया तथा कहा कि मुख्यमंत्री स्वंय भी गोमाता की सेवा एवं गो संरक्षण के प्रति वेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि गोसेवा में समाज की सम्पूर्ण सहभागिता हो, इस दिशा में अधिकारीगण किसानों को प्रोत्साहित करे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम भी बनाया जाए जिसका नम्बर सभी जनपदवासियों को मीडिया के माध्यम से प्रचारित किया जाए, जिससे कोई भी व्यक्ति यह सूचना दे सके कि कही पर कोई गोवंश पीड़ित/घायल अवस्था में यदि पाया जाता है तो उसे पशु चिकित्सालय ले जाकर इलाज कराते हुए गोशालाओं में संरक्षित किया जाए। मा0 उपाध्यक्ष ने आवश्यकता पड़ने पर गोवंशों के आकस्मिक इलाज हेतु पशु एम्बुलेंस की व्यवस्था बनाई जाने के दृष्टिगत प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया। मा0 उपाध्यक्ष ने कहा कि गोवंशों के प्रति मानवीय संवेदना एवं गोमाता की भावना एवं प्रेम पैदा करे, गोवंशों का संरक्षण हमारे संस्कार से जुड़ा है। इनकी सेवा में हमारे संस्कार एवं संस्कृति की रक्षा होगी। उपाध्यक्ष ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि अगली समीक्षा बैठक में गो आश्रय स्थलों एवं गोशालाओं में उपलब्ध सुविधिाओं से सम्बंधित आकड़ेवार पीपीटी बना कर समीक्षा कराना सुनिश्चित करेगें। मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी द्वारा उपाध्यक्ष गो सेवा आयोग, उ0प्र0 महेश कुमार शुक्ला को आश्वस्त कराया कि आपके द्वारा जो भी निर्देश एवं मार्गदर्शन दिया गया है उसका शत-प्रतिशत अनुपालन किया जायेगा। अधिकारीगण/पशु चिकित्साधिकारी आपके द्वारा दिये गये मार्गदर्शन के आधार पर प्राथमिकता देकर उस पर बेहतर ढंग से पशुओं की गौशालाओं की साफ-सफाई व समस्त व्यवस्थाओं पर कार्य किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 एस0के0 तिवारी, उप जिलाधिकारी सदर शैलेश दूबे, अपर उप जिलाधिकारी अरूण कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर अजीत चौहान, जिला कृषि अधिकारी डा0 सर्वेश कुमार यादव, जिला उद्यान अधिकारी समुद्र गुप्त मल्ल, अधिशाषी अभियन्ता नगर पालिका अवधेश भारती, डिप्टी सीबीओ डा0 सजीत कुमार सिंह, डा0 सुरेश कुमार तिवारी, खण्ड विकास अधिकारीगण, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज सहित पशु चिकित्साधिकारी आदि उपस्थित रहे। तत्पश्चात उपाध्यक्ष गोसेवा आयोग, उ0प्र0 महेश कुमार शुक्ल द्वारा विकास खण्ड बघौली अन्तर्गत गो-आश्रय स्थल धनखिरिया का भ्रमण कर स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुल 23 गोवंश उपलब्ध पाए गए गौशाला में पशुओं के लिए पशु आहार वह भूसा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध पाया गया। गोवंश का टीकाकरण, क्रीम नाशक दवा, पान पंजिका का भी निरीक्षण किया गया तथा निर्देश दिया गया कि गोवंश को हरा-चारा की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाय व नियत समय पर भोजन दिया जाए। भोजन उपरांत गोवंश को गौशाला में विचरण हेतू छोड़ा जाय तथा गौशाला का साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए मृत्यु के उपरांत गोवंश के शव का निस्तारण नियमानुसार किया जाए।