साइबर क्राइम थाना द्वारा यूपी मध्य प्रदेश के साइबर अपराधियों को आम जनता के नाम पर जारी एक्टिवेटेड सिम उपलब्ध कराने वाले अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार
निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। पुलिस अधीक्षक, मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में, व अपर पुलिस अधीक्षक एंव क्षेत्राधिकारी सदर के निकट पर्यवेक्षण में, अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में साइबर क्राइम थाना ललितपुर पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 22/2024 अन्तर्गत धारा 319(2)/318(4)/61(2)/111(4) बीएनएस व 66 C / 66D आईटी एक्ट साइबर क्राइम थाना ललितपुर, जनपद ललितपुर से सम्बन्धित अभियोग में 01 नफर अभियुक्त को दिनांक 23.10.2024 को वर्णी चौराहे से डेम रोड पर हिरासत पुलिस लेकर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है । घटना का संक्षिप्त विवरण-साइबर क्राइम थाना ललितपुर जनपद ललितपुर पर शिकायतकर्ता हरदास पुत्र मुलू सहारिया नि0 बिजौरी जाखलौन जनपद ललितपुर के द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर अभियुक्तगण नाम पता अज्ञात के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया था, जिसमें विवरण अंकित कराया था कि मोबाइल नम्बर-8423456832 के उपयोग कर्ता द्वारा वादी को खुद को पुलिस अधिकारी बताकर वादी द्वारा पंजीकृत अन्य एफआईआर पर कार्यवाही कराने के नाम पर रूपये हड़पने के सम्बन्ध में । इस सूचना पर साइबर क्राइम थाना ललितपुर द्वारा सुसंगत धाराओं में नाम व पता अज्ञात के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था । उपरोक्त प्रकरण की गंभीरता व व्यापकता को दृष्टिगत रखते हुए गुणवत्तापूर्ण विवेचनात्मक कार्यवाही व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन, सर्विलांस (मैनुअली/टैक्नीकल), वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन व अन्य एकत्रित साक्ष्यों का अवलोकन व तकनीकी विश्लेषण करके प्राप्त जानकारी के आधार पर दिनांक 08.09.2024 को मास्टरमाइंड सुमित यादव पुत्र संजीत यादव नि0 ग्राम नौरा थाना टेहरका जनपद निवाड़ी म0प्र0 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था । विवेचना के क्रम में साइबर अपराधियों को फर्जी नाम पते सिम / मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराने वाले एजेन्टों के विरूद्ध विवेचनात्मक कार्यवाही करते हुये 23.10.2024 को अभियुक्त सौरभ राजपूत पुत्र रविन्द्र राजपूत नि0 ग्राम अतरौली थाना टोढ़ी फतेहपुर जिला झांसी उ0प्र0 को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया । अपराध का तरीक़ा-अभियुक्त द्वारा धन कमाने के उद्देश्य से आम जनता को गुमराह करके उनके नाम से जारी सिम / मोबाइल नम्बरों को उ0प्र0 व म0प्र0 के साइबर अपराधियों को बेचना । पूछताछ का विवरण- अभियुक्त द्वारा बताया गया कि साहब हमारा एक संगठित गिरोह है जिसमें हम लोगो के नाम से फर्जी सिमें निकालकर उनका प्रयोग साइबर अपराध / फ्राड में करते है और लाभ अर्जित करते है । मै लोगो से सिम पोर्ट या नया सिम निकालने के नाम पर उनके डॉक्यूमेंट ले लेता था और बिना उनकी जानकारी के नया सिम निकाल लेता था और ग्राहक से ये कह देता की सिम एक्टिवेट नही हो पा रहा है , और फिर मैं और मेरे साथी उन एक्टिवेटिड सिम को बेच दिया करते थे और फिर सुमित एवं अन्य द्वारा भिन्न-भिन्न साइबर अपराध किया जाता है । इस कार्य से जो भी लाभ प्राप्त होता है उसे हम लोग आपस में मिलकर बांट लेते है । प्राप्त धन से अपने शौक व जरूरते पूरी करते है । साहब मुझसे गलती हो गयी है माफ कर दीजिये ।