भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सामुदायिक शौचालय नहीं खुलते ताले जिम्मेदार बेखबर

लाखों फूंक डाले, कहीं जर्जर हालत तो कहीं लटकते ताले

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सामुदायिक शौचालय नहीं खुलते ताले जिम्मेदार बेखबर

निष्पक्ष जन अवलोकन। सुनील कुमार सिंह। बाराबंकी। देवा ब्लॉक में कई ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को ओडीएफ बनाने के लिए सरकार ने घरों के साथ ही सार्वजनिक शौचालय बनवाए हैं। स्वच्छता के इस मिशन पर भ्रष्टाचार की कालिख पोत दी गई। कई गांवों में शौचालय तो बना दिए गए, लेकिन सेप्टिक टैंकों का निर्माण सही से नहीं कराया गया। इसके चलते ये शौचालय किसी काम के नहीं हैं।बाराबंकी विकास खंड देवा क्षेत्र कि ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों की पड़ताल की गई । जिसमें विभिन्न क्षेत्र के कई गांवों में सामुदायिक शौचालयों में गड़बड़ी सामने आई है। बड़ी समस्या रीवा रतन पुर गांव में प्रधान ने शौचालय खड़े कर दिए, लेकिन उनके सेप्टिक टैंक व पानी की व्यवस्था नहीं की गई।घोटाला छिपाने के लिए गांव में सेप्टिक टैंक बनवाए बिना ही स्लैब बनवाकर रखवा दिए गया बड़े भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सेप्टिक टैंक बना हुआ है लेकिन उपयोगी नहीं। सामुदायिक शौचालय इस्तेमाल नहीं हो रहा था। ऐसी ही गड़बड़ी अन्य गांवों में भी सामने आई है। सामुदायिक शौचालय पर ताले लटकते नजर आ रहे हैं कई ग्राम पंचायत में ,,रीवा रतनपुर, तासपुर, पहाड़पुर , कैथी, धरसंडा,शेषपुर,गौरिया , मलूकपुर, सैहारा , कई ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों का हाल काफी खराब नजर आया। सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी ग्राम पंचायतों को साढ़े चार लाख रुपये सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए दिए गए थे। लेकिन सामुदायिक शौचालयों के संचालन के लिए प्रधानों को निर्देश दिया गया है कि ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय को मरम्मत के साथ-साथ देखरेख अच्छी तरीके से की जाए ताकि ग्रामीणों को सांस के लिए बाहर न जाना पड़े। लेकिन सामुदायिक शौचालय की यह दुर्दशा कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार का पोल खोलती नजर आ रही है। शिकायतें लगातार आ रही हैं। कई गांवों में शौचालयों के सेप्टिक टैंक न बनाकर औपचारिकता निभाने की भी शिकायत मिली है। ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय पर ताले ही लटके हैं। शिकायत करने के बाद इनका संचालन शुरू नहीं किया गया। सेप्टिक टैंक बना है या नहीं या देखना प्रधान की जिम्मेदारी थी। शौचालय के निर्माण के बाद वह जर्जर हो गए हैं।आज तक लोगों के लिए शौचालयों के ताले नहीं खोले गए हैं, ग्राम पंचायत में लगातार सामुदायिक शौचालय पर भ्रष्टाचार को लेकर तस्वीर सामने आए लेकिन जिम्मेदार बेखबर क्यों।