संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी जाने: डीएम

जनपद में भव्यता एवं गरिमापूर्ण तरीके से मनाया गया संविधान दिवस, संविधान की उद्देशिका का हुआ सामूहिक वाचन

संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी जाने: डीएम

कार्यक्रम में स्वच्छता कर्मियों को प्रशस्ति पत्र व स्मृचि चिन्ह भेंट कर किया गया सम्मानित

समस्त कार्यालयों, स्वायत्तशासी निकायों/संगठनों, स्थानीय निकायों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित किए गए कार्यक्रम, संविधान के बारे में दी गई जानकारी,

, निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। शासन के निर्देशानुसार 26 नवम्बर 2024 (मंगलवार) को जनपद में भव्यता एवं गरिमापूर्ण तरीके से संविधान दिवस मनाया गया, इस अवसर पर समस्त कार्यालयों, स्वायत्तशासी निकायों संगठनों, स्थानीय निकायों एवं शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए व भारतीय संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठन किया गया। इसी श्रंखला में प्रातः 9ः30 बजे कलैक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यमंत्री, श्रम एवं सेवायोजन विभाग, उत्तर प्रदेश मनोहर लाल पंथ की मुख्य अतिथि के रुप में गरिमामयी उपस्थिति रही। इस दौरान लोकभवन लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम का जनपद में लाइव टेलीकास्ट सभी को दिखाया गया, कार्यक्रम में संविधान निर्माण की यात्रा पर आधारित लघु डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, तत्पश्चात राज्यमंत्री, जिलाधिकारी सहित उपस्थित सभी अधिकारी कर्मचारियों ने भारतरत्न बाबासाहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण व श्रद्धा-सुमन अर्पित किये गए तथा भारतीय संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया गया। विकासभवन सभागार में भी संगोष्ठी का आयोजन किया गया व सामूहिक शपथ दिलाई गई। इस सम्बंध में राज्यमंत्री एवं जिलाधिकारी ने भारतीय संविधान की उद्देशिका को पढ़ा, जिस पर सभागार में उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों ने भी उद्देशिका को दोहराया। उन्होंने कहा कि ‘‘हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिये दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते है।’’ इसके उपरान्त राज्यमंत्री एवं जिलाधिकारी ने नगर के स्वच्छताकर्मियों एवं कलैक्ट्रेट के कर्मिकों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ ने संविधान दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आज ही के दिन हमारा संविधान अधिनियमित, अंगीकृत किया गया था, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी जाने और उनका पालन करें। उन्होंने कहा कि जो जहां पर है, वहां अपने कार्यों को अच्छे ढंग से संपादित करें तथा देश को तरक्की के मार्ग पर ले जाने में अपना सक्रिय सहयोग करें। इस अवसर पर जनपद के समस्त कार्यालयों, स्वायत्तशासी निकायों/संगठनों, स्थानीय निकायों एवं शैक्षणिक संस्थानों में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए, जिनमें संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान के संवैधानिक मूल्यों एवं मूलभूत सिद्धान्तों पर आधारित वाद-विवाद प्रतियोगिता, वेबिनार, गोष्ठी आदि का भी आयोजन सम्बंधित विभागों द्वारा किया गया। कलैक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 अंकुर श्रीवास्तव, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका दिनेश विश्वकर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह, जिला सूचना अधिकारी डीएस दयाल, कलैक्ट्रेट के समस्त अधिकारी/कर्मचारी व नगर क्षेत्र के स्वच्छताकर्मी उपस्थित रहे।