हाय मनरेगा कहीं झौव्वा भर तो कहीं नहीं पौव्वा भर

हाय मनरेगा कहीं झौव्वा भर तो कहीं नहीं पौव्वा भर।

हाय मनरेगा कहीं झौव्वा भर तो कहीं नहीं पौव्वा भर

निष्पक्ष जन अवलोकन 

सतीश कुमार सिंह 

मनरेगा मजदूरों को काम देने में फिसड्डी झौव्वा खुर्द।

एक दिहाड़ी को पूरे सत्र से तरस रहे झौव्वा खुर्द के मनरेगा मजदूर,जिम्मेदार मौन।

सकरन/सीतापुर। मजदूरों की जीवकोपार्जनक योजना मनरेगा से ग्राम पंचायत झौवाखुर्द के मजदूर पूरे सत्र से एक दिन के काम के लिए तरस फिर कहाँ गई 100 दिन रोजगार की गारंटी।

भौगोलिक स्थिति के अनुसार बलुए पठार के रूप में पंचायत की बसावट होने के बावजूद भी ग्रामीणों को स्थानीय रोजगार उपलब्ध न करवा पाना भी जिम्मेदार कर्मचारियों के लिए शर्म की बात फिर भी उच्चाधिकारी इतने गंभीर मामले पर मौन ये स्थिति और ही भयानक।

एक जून की रोटी के लिए सैकड़ों मनरेगा मजदूर पलायन को हो रहे मजबूर फिर भी जिम्मेदार हैं कि नहीं दे रहे ध्यान।मनरेगा कामों के जरिए पौधरोपण ,तालाब खुदाई,चकबन्ध निर्माण,खाली खेत समतलीकरण,बाड़, मेड़बंदी जैसे कार्यों से कोसों दूर ग्राम पंचायत के मजदूरों का नहीं लेने वाला कोई पुरसाहाल।अब देखने वाली बात ये होगी कि जिम्मेदार कितनी जल्दी दिलवा पाते हैं गरीब मजदूरों को रोजगार ।