जिले में मानकों को ताक पर रखकर चलाई जा रहे हैं शिक्षा के मंदिर

जिले में मानकों को ताक पर रखकर चलाई जा रहे हैं शिक्षा के मंदिर

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन उरई(जालौन) जनपद में मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए कमाई के चक्कर में दिख रहे हैं शिक्षा के मंदिर बेधड़क संचालित किया जा रहे हैं वहीं इंटेलिजेंट कोचिंग भारत में नहीं है फायर की व्यवस्था न ही कोई पार्किंग की इनके संचालक को प्रशासन व शिक्षा के जिम्मेदारों का बिल्कुल भी खौफ नहीं है बताते चले कि जब कोई हादसा हो जाता है तब जिम्मेदार नींद से जागते हैं और थोड़ी बहुत कागजी कार्यवाही कर फिर से सो जाते हैं कुछ ऐसा ही शिक्षा विभाग में देखने को मिल रहा है देश में हुई बड़े बड़े हादसे के बाद भी शिक्षा विभाग अपने में मस्त जनपद में सैकड़ों की संख्या में प्राइवेट परीक्षा के मंदिर संचालित हो रहे हैं जो शायद एक भी मानक पूरा करते हैं लेकिन बिल्डिंग के बोर्ड में और विज्ञापनो में हर मानक पूरा करने का दावा करते हैं कई कोचिंग सेंटर ऐसे हैं जिनके पास फायर एनओसी नहीं है इसको लेकर अग्निशमन विभाग भी कार्रवाई करने से पीछे भागता है जिले में खुले सैकड़ो कोचिंग सेंटर में फायर एनओसी नहीं है घरेलू बिल्डिंग में छोटे-छोटे कमरों में संचालित हो रहे कोचिंगो में अगर कोई हादसा हो जाए तो ना ही कोचिंग संचालक को कोई असर होगा न ही शिक्षा विभाग को और न ही अग्नि शमन विभाग को लेकिन उस परिवार से पूछो जिसके बच्चे के साथ घटना घटती है यह सब रोका भी जा सकता है अगर कुकुरमुत्ता की तरह खुले कोचिंग सेंटर पर प्रशासन नकेल कसना शुरू कर दे ।सूत्रों की अगर माने तो कई कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कोचिंग सेंटर खोलने के लिए जिन मानकों को पूरा करना होता है वो एक भी मनका कोचिंग सेंटर पूरा नहीं करता है ऐसे कोचिंग सेंटर के संचालक ने घरेलू बिल्डिंग में भी कोचिंग सेंटर खोल रखे है जिसमें छोटे छोटे कमरों में बच्चों को शिक्षा दी जा रही है और न ही ऐसे उपकरण जिससे अगर कोई हादसा हो जाए तो समय रहते हादसा को रोका जा सके ।फिलहाल जिस तरह से बिना मानकों के कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं।