मोहसिन रजा के द्वारा अपनी वलिदा की याद मे कदीमी मजलिसे अज़ा का इंतिखाब किया गया
दुनिया मे अगर ताक़तवर बन्ना चाहते हो तो इल्म को हासिल करने की कोशिश मे लग जाओ -मौलाना सैय्यद हसनैन बाक़री
निष्पक्ष जन अवलोकन। फैसल सिद्दीकी । फतेहपुर /बाराबंकी। आदर्श नगर पंचायत फतेहपुर मे 14 सफ़र की क़दीमी मजलिसे अज़ा का इंतिखाब किया गया-अल्लाह ने मुसलमानों को इल्म जैसी नेमत से नवाज़ा है,कि वो आगे बढ़े लेकिन अफसोस का मक़ाम है कि मुसलमान इसी दौलत से महरूम रह गया है। इन ख्यालात का इज़हार मक़ामी बड़ा इमाम बाड़ा में 14 सफ़र की क़दीमी मजलिसे अज़ा को ख़िताब करते हुए मौलाना मौसूफ़ ने कहीं मौलाना ने मज़ीद कहा कि अल्लाह मुसलमानो को सरबुलंद देखना चाहता है। कर्बला मुसलमान को सरबुलंद बनाती है। कर्बला से दर्स लेने वाला कभी भी किसी बातिल ताक़त के सामने सर नही झुकाता है। आज दुनिया मे ग़ौरो फिक्र करने की ज़रूरत है। कर्बला के मान्ने वाले ताग़ूत के आगे सर नही झुका रहे हैं। जबकि बाक़ी लोग ताग़ूत को अपना सरपरस्त बना रहे हैं। मसायब में मौलाना ने हज़रत अब्बास अलमदार की शहादत का ज़िक्र किया जिसे सुनकर मोमीनीन अश्कबार हो गये,इस मजलिसे अज़ा को मक़ामी नासरी मार्केट वाले समाजवादी लीडर मूनिस रज़ा अपनी वालिदा के ईसाले सवाब के लिए हर साल 14 सफ़र को करवाते हैं। मजलिसे अज़ा में जमाल मेहदी,मोहसिन रज़ा,सरताज आलम,अस्करी काज़मी समेत कसीर तादाद मे मोमीनीन मौजूद थे।