महिलाओं की सुरक्षा, समानता और उपजे भय के ख़िलाफ़ होप वर्क ने किया मार्च का नेतृत्व* *सुशील कुमार पांडेय बोले हमारा भी रहेगा समर्थन और सहयोग*

महिलाओं की सुरक्षा, समानता और उपजे भय के ख़िलाफ़ होप वर्क ने किया मार्च का नेतृत्व*   *सुशील कुमार पांडेय बोले हमारा भी रहेगा समर्थन और सहयोग*

निष्पक्ष जन अवलोकन अजय रावत!! सिरौलीगौसपुर बाराबंकी।क्या मैं रात में स्वतंत्र रूप से चल सकती हूं? क्या मैं मिर्च स्प्रे साथ ले जाना बंद कर सकती हूं? क्या मैं हमले का डर छोड़ सकती हूं? क्या मैं अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता करना बंद कर सकती हूं? ये सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब हमें कार्रवाई और दृढ़ संकल्प के साथ देना होगा। ये वही सवाल हैं जो आज हर लड़की और महिला के मन में उठ रहे हैं। होप वर्क ने गर्वपूर्वक अपनी आकांक्षाओं उत्साह और समानता के लिए साहसिक वार्षिक रैली के आयोजन पर कहा।कि महिलाओं की सुरक्षा और समानता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित यह एक रैली है। उक्त मार्च का आयोजन विगत 23 अगस्त की रात को कस्तूरबा रोड पर स्थित क्वीन की प्रतिमा से शुरू होकर कावेरी एम्पोरियम पर समाप्त हुआ। मार्च रात 10 बजे शुरू हुआ और एक घंटे तक चला। यह पहल देश में महिलाओं के सामने आने वाली कठोर सच्चाई को उजागर करती है। यह रात के भय और स्वतंत्र रूप से चलने में असमर्थता की चिंता का सामना करती है। हाल ही में एक युवा डॉक्टर के साथ हुए हमले ने इस सच्चाई को सामने लाया है। कि महिलाएं बस बाहर कदम रखने पर भी निरंतर खतरे का सामना करती हैं। उनकी कहानी, भले ही व्यक्तिगत हो, फिर भी अनगिनत महिलाओं की तरह भय की कठोर सच्चाई को उजागर करती है। जो अपने दैनिक जीवन में भी डर में जीती हैं।जबकि सुरक्षा एक बुनियादी अधिकार होना चाहिए, न कि विलासिता। ब्रेव मार्च का नेतृत्व करते हुए होप वर्क की संस्थापक जैसिंथा जयचंद्रन ने कहा होप वर्क में हम एक ऐसे विश्व के निर्माण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। जहां महिलाएं न केवल सुरक्षित हों, बल्कि सशक्त भी हों। ब्रेव सिर्फ एक मार्च नहीं है, यह हमारी सड़कों पर छाए भय के खिलाफ एक दृढ़ संकल्प और सार्थक परिवर्तन के लिए एक आह्वान है। हम उस भविष्य के लिए एकजुट हो रहे हैं, जहां हर महिला और लड़की को स्वतंत्र रूप से चलने, बिना डर के काम करने और सम्मान के साथ जीने का अधिकार हो। इस अवसर पर बोलते हुए अनिताब ओआरजी की प्रबंध निदेशक, श्रेया कृष्णन ने कहा, अब समय आ गया है कि हम अपनी आत्मा, अपनी सुरक्षा और अपनी स्वतंत्रता का दावा करें। यह सुनिश्चित करने का समय है कि हम अपनी उपस्थिति और आवाज का प्रयोग करें। ताकि हम वह बदलाव ला सकें, जिसे हम देखना चाहते हैं। इस पर जोड़ते हुए, वरिष्ठ प्रोडक्ट मैनेजर और प्रेरक वक्ता डॉ. लक्ष्मिप्रदा ने कहा, "हर सकारात्मक कदम के पीछे एक मजबूत, साहसी, केंद्रित, आत्मविश्वासी और कभी हार न मानने वाला मानसिकता होती है। यही वह 'वोह' अजेय तत्व है जो महिलाओं को पुरुषों से अलग करता है। हमारा मार्च "काफी हुआ" के सामूहिक आह्वान का प्रतीक है। हम एक ऐसी दुनिया बनाने का लक्ष्य रखते हैं जहां सुरक्षा और समानता केवल आकांक्षाएं नहीं, बल्कि हर महिला के लिए मौलिक अधिकार हों। ब्रेव होम वर्क की उन साहसी लड़कियों को भी एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने सामाजिक बंधनों को तोड़ा है, और साहसपूर्वक समाज में अपने सही स्थानों पर कदम रखा है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पुरुष सहयोगी भी 23 तारीख को इस मार्च में हमारे साथ शामिल रहे। पुरुष सहयोगी, लैंगिक समानता का समर्थन करने और महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका समर्थन न केवल बदलाव के लिए आह्वान को मजबूत करता है, बल्कि उन बाधाओं को भी तोड़ने में मदद करता है जो असमानता और भय को बनाए रखती हैं। हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे इस महत्वपूर्ण आंदोलन में शामिल हों। ब्रेव में भाग लेकर, आप उन लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करेंगे जिन्हें चुप करा दिया गया है। और उस दुनिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करेंगे जहां सभी के लिए सुरक्षा और समानता सुनिश्चित हो। हम एक साथ चलते हैं ताकि हम एक साथ काम कर सकें और राष्ट्र का निर्माण कर सकें। उक्त कार्यक्रम के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय सह मीडिया प्रभारी अभिषेक सिंह के अनुसार उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने विगत 23 अगस्त को आयोजित रैली पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है। तथा कहा है कि होप वर्क द्वारा महिलाओं के हितों में किसी प्रकार के होने वाले आयोजनों में वो स्वयं तथा उनका संगठन मज़बूती के साथ अपना सहयोग और समर्थन देने में किसी से पीछे नहीं रहेगा।