पेड़ हमें माँ की तरह छुपा लेते हैं बारिश और धूप में : डॉ. अख़लाक़ अहमद 

ग्लोबल वार्मिंग का ग्राफ बढ़ रहा है उससे बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम पांच पौधे लगाने ही चाहिए। जिसमे नीम, पीपल, बरगद, मुख्य हैं

पेड़ हमें माँ की तरह छुपा लेते हैं बारिश और धूप में : डॉ. अख़लाक़ अहमद 

निष्पक्ष जन अवलोकन

विजय कुमार सैनी

 संत कबीर नगर । उत्तर प्रदेश के जिला संत कबीर नगर के बहुचर्चित और जनप्रिय समाजसेवी डॉक्टर अख़लाक़ अहमद ने उक्त उदगार वन महोत्सव सप्ताह पर पौध रोपण करते हुए दिए।  

           उन्होंने आगे कहा कि पेड़ पौधे जहां एक तरफ प्राकृतिक संतुलन बनाने में सहायक होते हैं वहीं दूसरी तरफ पशु,पक्षियों के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी जीवन दायनी का कार्य करते है। गर्मियों में जब कड़ाके की धूप पड़ती है तो आज भी गांव में चलने वाले पैदल या वहां से चलने वाले राहगीर किसी पेड़ के नीचे शरण लेना उचित समझते हैं। जहां यही पेड़ अपने माँ तुल्य का अनुभव करती है और मनुष्य को ठंडी छाया के साथ-साथ हवाओं के झोकों का भी आनंद मिलता है। यही पेड़ अपने विशालकाय डालों में लगे हरे पत्तों से अपने पास आने वाले प्रत्येक को अपने आंचल से ढक कर छाया प्रदान करता है। जैसे माँ अपने बच्चे को धूप,गर्मी, और बरसात से सुरक्षित करने हेतु अपने आंचल के अभेद कवच से ढक देती है।    

                 उन्होंने आगे बताया कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अपने अंदर खींचकर हमें ऑक्सीजन देने का कार्य करते हैं। जो कि हमारे साथ-साथ पशु पक्षियों के जीवन के लिए प्रकृति का एक अद्वितीय उपहार है अगर पेड़ पौधे ना हो तो पशु पक्षियों के साथ-साथ मनुष्य का भी जीवन संभव नहीं है। उन्होंने जन मानस से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग का ग्राफ बढ़ रहा है उससे बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम पांच पौधे लगाने ही चाहिए। जिसमे नीम, पीपल, बरगद, मुख्य हैं। इससे जहां एक तरफ प्रकृति का पर्यावरण संतुलन में सहायक होगा वहीं दूसरी तरफ हमारे आने वाली पीढ़ियां को जीवन यापन में ऑक्सीजन के लिए सहयोग मिलेगा।