सफाई कर्मी अरविन्द वर्मा की हत्या का 05 दिनों के अन्दर सफल अनावरण, अभियुक्त/सगा भाई गिरफ्तार

सफाई कर्मी  अरविन्द वर्मा की हत्या का 05 दिनों के अन्दर सफल अनावरण, अभियुक्त/सगा भाई गिरफ्तार

निष्पक्ष जन अवलोकन । अजय रावत ।

सिरौलीगौसपुर बाराबंकी ।  थाना बदोसराय के ग्राम मुरई मजरे मधनापुर निवासी अशोक कुमार पुत्र रामसागर द्वारा थाने को लिखित सूचना दी गयी कि मेरे भाई अरविन्द व वीरेन्द्र कुमार हमारे मुरई गाँव मे ही नवनिर्मित मकान में सो रहे थे कि 5/6-7-2024 की रात्रि मे किसी अज्ञात व्यक्ति ने मेरे भाई अरविन्द कुमार की गोली मारकर हत्या कर दिया है ।  चूँकि इस घटना का कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था और जिस घर मे यह घटना घटित हुई थी उस समय उस घर में मृतक अरविन्द के अतिरिक्त मात्र उसके सगे भाई वीरेन्द्र कुमार ही थे । घर का दरवाजा भी अन्दर से बंद था । मृतक जहाँ पर सो रहा था वहाँ पर एक खिड़की थी, लेकिन मृतक के सिर पर जहाँ गोली का घाव था वहाँ पर वैज्ञानिक परीक्षण व परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट रुप से प्रतीत हो रहा था कि मृतक के ऊपर जो फायरिंग की गयी है वह खिड़की से नहीं की जा सकती है क्योंकि जहाँ पर मृतक का सिर था वहाँ पर उक्त खिड़की में लगे हुय़े लोहे की ग्रिल की सरिया के बीच की दूरी मात्र 1.5 इंच ही थी, जिसमें से हाथ डाल कर सिर के ऊपर ले जाकर फायरिंग किया जाना सम्भव नहीं था । मृतक के शरीर पर गोली लगने से बने घाव मे बुलेट की इन्ट्री सामने से हुई थी । उपरोक्त प्राप्त भौतिक एवम् वैज्ञानिक साक्ष्यों को इलेक्ट्रानिक सर्विलान्स एवं ग्राउन्ड इंटेलीजेन्स के माध्यम से अग्रेतर परीक्षण करते हुये सभी सम्भावित पहलुओं पर जाँच की गयी तो यह ज्ञात हुआ कि मृतक का सगा छोटा भाई वीरेन्द्र कुमार वर्मा उम्र लगभग 36 वर्ष प्रापर्टी आदि का काम करता है । बिजनेस के सिलसिले में उसने कई लोगों से काफी पैसे उधार लिया है जिसकी अदायगी न कर पाने के कारण उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया है, जिस कारण जिन लोगों के द्वारा उसे पैसे उधार दिये गये हैं उनके द्वारा बार-बार अपने दिये हुये कर्ज की रकम का तगादा किया जाता है । चूँकि वह अपने भाई अरविन्द (मृतक) के साथ रहता था, तो लोग अरविन्द से भी पैसा मांगा करते थे कि तुम्हारे भाई ने पैसा लिया है तो तुम ही पैसे दो । चूंकि अरविन्द (मृतक) सरकारी सफाईकर्मी था अतः उसने अपने वेतन से कुछ लोगों का पैसा भी अदा कर दिया था, लेकिन इसके लिये वह वीरेन्द्र को आये दिन ताना देता रहता था कि कर्ज तुम लिये हो और चुकता मैं कर रहा हूँ । इस बात को लेकर मृतक अरविन्द व उसके भाई वीरेन्द्र के बीच कई बार झगड़ा भी हो चुका था । कर्ज और कर्ज की अदायगी को लेकर वीरेन्द्र का उसके भाई अरविन्द से सम्बंध तनाव पूर्ण हो चुका था । विवेचना के दौरान यह तथ्य भी प्रकाश मे आया कि अभियुक्त वीरेन्द्र का मृतक की पत्नी से अवैध सम्बंध था । विवेचना से यह तथ्य भी प्रकाश मे आया कि वह अक्सर अपनी भाभी से मिलने के लिये बाराबंकी जाया करता था, जहां वह किराये के मकान पर अपने बच्चों के साथ रहा करती थी । वीरेन्द्र को यह पता था कि उसके भाई अरविन्द ने लगभग रुपया 50,00,000/- का चार बीमा कराया है । यदि वह मर जाता है तो अच्छी खासी रकम मिलेगी । जिससे वह उधार लिये गये कर्ज को चुका सकता है, क्योंकि मृतक की पत्नी उसके प्रभाव में थी । साथ ही उसकी भाभी को अपने पति (मृतक) की जगह नौकरी मिल जायेगी। जिससे उसके आगे का खर्च भी चलता रहेगा । इसी मकसद से मौका पाकर दिनांक 05/06  की रात्रि जब अरविन्द (मृतक) सो रहा था तब वीरेन्द्र ने लगभग 02.30 बजे अपने भाई अरविन्द को उसके सोने के दौरान ही सिर में गोली मार कर हत्या कर दिया, और इस सजिश के तहत सोने का बहाना बनाकर घर के अन्दर सुबह होने तक लेटा रहा ।जब सुबह उसके एक परिजन घर पर आये तब उसने अभी- अभी सोकर जगने का बहाना करते हुये घर का गेट खोला ताकि सबको लगे कि वह घटना से अनजान है और सोया हुआ था । इस प्रकार मृतक के भाई वीरेन्द्र ने अपनी भाभी से अवैध सम्बंध व भाई के पैसो के लालच में गोली मारकर उसकी हत्या कर दिया । विवेचना के दौरान प्राप्त ठोस एवम् सुसंगत वैज्ञानिक तथा भौतिक साक्ष्यो के आधार पर मृतक के सगे भाई वीरेन्द्र की संदिग्ध भूमिका इस हत्या के अपराध में सुनिश्चित् पायी गयी । 11/7/2024 को अदरा पुल के पास कोटवा सड़क रोड पर प्रातः अभियुक्त वीरेन्द्र वर्मा को गिरफ्तार किया गया ।