मेला कमेटी द्वारा लगवाए गए मेले का आय-विवरण के संबंध मे उपजिलाधिकारी को सौपा गया ज्ञापन मे राहत अली से माँगा गया हिसाब-किताब का पूर्ण ब्योरा
निष्पक्ष जन अवलोकन/फैसल सिद्दीकी/फतेहपुर बाराबंकी। फतेहपुर कस्बे मे हर साल लगने वाला हजरत मकदूम शाह मजार का मेले मे आय व्यव का विवरण के संबंध मे तीन सभासदो अधिवक्ता/सभासद मोहम्मद राहिल,मोहम्मद इक़बाल,आसिया खातून द्वारा उपजिलाधिकारी को सौपा गया ज्ञापन मे मकदूम शाह मजार पर लगने वाले मेले का आय व्यय का ब्योरा पेश किया गया। तीनो सभासदो ने हिसाब किताब मे में लिखित मे बताया है। कि मेले का आयोजन संन-1978-से आयोजित किया जा रहा है। कस्बे की आवाम की भावनाओं के देख कर इस साल भी तहसील प्रशासन द्वारा 11 सदस्यो की कमेटी बनाई गई थी। उन्ही 11 लोगो की कमेटी की देख-रेख मे सिमित समय 1 नवंबर से 10 नवंबर तक मेले के आयोजन फतेहपुर तहसील प्रशासन की अनुमति से ही किया गया था। तीनो सभासदो ने बताया मेले मे किसी भी प्रकार का किसी का कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया गया। बल्कि पूरी तरह से आपसी हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल का परिचय दिया गया। वही आदर्श नगर पंचायत के सफाई नायक व सफाई कर्मियों द्वारा मेले मे सफाई का पूरा ध्यान रखा गया जिसकी लोगो ने जमकर तारीफे भी की तीनो सभासदो ने उपजिलाधिकारी फतेहपुर को बताया कि बीती 7 नवंबर 2024 को मुशायरे का अयोजन कमेटी द्वारा किया गया था। 10 नवंबर 2024 को म्यूजिक कांन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। मुशायरे मे 1 लाख 50 हजार रुपये खर्च हुए थे। जबकि म्यूजिक कांन्फ्रेंस मे 40 हजार रुपये खर्च किये गए थे। मेले मे दुकानदारों को लाइट का ठेका दिया जाता है। उनसे किसी भी प्रकार का कोई पैसा कमेटी द्वारा नहीं वसूला जा जाता है। बल्कि उसके बदले मे कार्यक्रम स्थल पर जो भी पंडाल व लाइट लगता है। वो एक दम फ्री कर दि जाति है। मेले मे आमदनी लगभग 12 से 13 लाख रुपये तक हुई थी। सिर्फ झूले से ही 4 लाख 75 हजार रुपये का भुगतान दुकानदारों से लिया जाता है। स्टैंड से लगभग 7 से 8 लाख रुपये आते है। सभासदो द्वारा उपजिलाधिकारी को यह भी अवगत कराया गया झूले के 3 लाख रुपये मेला कमेटी द्वारा कमेटी के अध्यक्ष को दिए जा चुके हैं। जब कि 1 लाख रुपये हम तीनो सभासदो के पास है। बाकि मेले कि आमदनी का लेखा जोखा राहत अली के पास ही रहता है। सभादो ने उजजिलाधिकारी को तहरीर के माध्यम से अपील की गई है। की राहत अली से हम लोगो की मौजूदगी मे कार्यालय मे बुलाकर आमदनी का लेखा जोखा लिया जाए। मेले मे जो भी पैसा बचता है। वो हजरत मकदूम शाह मेले की मजार के आस पास मे पत्थर,टाइल्स,इंटरलाकिंग,एवं पेंटिंग व मजार की मरम्मत मे लगाए जाए। वही जानकारी के अनुसार मेला कमेटी के सचिव ने बताया की मेले का जो ही लेखा जोखा है वो सारा मेला कमेटी के अध्यक्ष को मेरे द्वारा दे दिया जा चुका है।