बेची गई कार के रूपए न देने पर मालिक ने अपने दो दोस्तों के साथ चुराई कार, पुलिस ने धर दबोचा

आरोपी बोला कार को वह चुराकर इंदौर में बेचने के लिए जा रहा था

बेची गई कार के रूपए न देने पर मालिक ने अपने दो दोस्तों के साथ चुराई कार, पुलिस ने धर दबोचा

निष्पक्ष जन अवलोकन l

अरविंद कुमार पटेल l

ललितपुर। दो दिन पहले कोतवाली सदर क्षेत्र के चांदमारी से कार चुरा कर ले जाने वाले तीनों चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर चोरी की गई कार को बरामद कर लिया। कार बेचने वाले मालिक ने ही अपने दो दोस्तों के साथ कार को इसलिए चुरा लिया था कि जिसको कार बेची थी उसके द्वारा पूरे पैसे नहीं दिये जा रहे थे। कार चोरी की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी के माध्यम से ही चोरों को धर दबोचा है। कोतवाली सदर अंतर्गत मोहल्ला चांदमारी निवासी अमन चौहान पुत्र निर्मल सिंह चौहान ने शुक्रवार को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी डिजायर कार घर के सामने 8-9 अगस्त की रात्रि खड़ी हुई थी, तभी रात डेढ़ बजे के दरम्यान एक बाइक पर तीन युवक आये और उसकी कार को चुरा ले गए। सुबह जब उसकी नींद खुली तो कार गायब मिली, जब पड़ौसी के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे को देखा गया तो उसमें तीन युवक का चुराकर ले जाते हुए देखे गये थे। कार चोरों को पकडऩे के लिए क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस, स्वाट टीम, सर्विलांस टीम लगाई गई थी। शनिवार को जब पुलिस शहर में चैकिंग कर रही थी, इसी दौरान पुलिस ने कार लेेकर भाग रहे तीन युवको को पकड़ लिया, पकड़े गये युवकों ने अपने नाम कोतवाली सदर अंतर्गत कैलागुवां रोड़ बाइपास चौराहा निवासी मंगल राजपूत पुत्र सुरजीत, झांसी जिले के थाना सीपरी बाजार के ग्राम अम्माबाय निवासी राज विशाल राजपूत पुत्र रघुवीर राजपूत व कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला चौबयाना स्कूल नंबर 2 निवासी संतोष कुशवाहा पुत्र सुरेश कुशवाहा बताये गये। पूछताछ में पकड़े गये आरोपी मंगल राजपूत ने बताया कि उसने अपनी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर को अमन चौहान के लिए 5 लाख 80 हजार रूपए में बेची थी, अमन ने उसे 4 लाख 10 हजार रूपए दे दिए थे, बाकी के बचे हुए 1 लाख 70 हजार रूपए अमन ने किस्तों के माध्यम से फाईनेंस कम्पनी में जमा करने के लिए कहा था, लेकिन अमन द्वारा फाईनेंस कम्पनी को पैसे जमा नहीं किये गये, जिसके चलते उसने रूपए फाईनेंस में जमा करके क्लीयर कर दिया था, जब अमन से रूपए मांगे गये तो वह आनाकानी कर रहा था, इसलिए उसने अपने साथी विशाल व संतोष के साथ गाड़ी को चुराने की योजना बनाई थी, चूकि विशाल इंदौर में ही रहता है और यहां से गाड़ी चुराकर इंदौर में बेच देगें और जो रूपए मिलेगें, उसे आपस में बांट लेगें। एक गाड़ी की चाबी उसके पास से थी, इसलिए तीनों ने गाड़ी को आसानी से चुरा लिया और इंदौर जाने की फिराक में थे कि पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपियों को पकडऩे वाली टीम में कोतवाल रमेशचन्द्र मिश्र, चौकी नईबस्ती प्रभारी प्रशांत राणा व स्वाट टीम, सर्विलांस टीम शामिल रही।