गरबा कर नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई माता रानी के जयकारों की गूंजी शहर व ग्रामीण क्षेत्र।

सुबह से शाम तक चला देवी प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला,जगह-जगह हुए कन्याभोज भंडारे

गरबा कर नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई माता रानी के जयकारों की गूंजी शहर व ग्रामीण क्षेत्र।

तहसील महरौनी अंतर्गत बानपुर में मूर्ति विसर्जन गनेशपुरा तालाव पर तैनाथ  थाना अध्यक्ष सियाराम पटेल पुलिश बल के साठ रहे उपस्थित

नगर पंचायत महरौनी में मां दुर्गा की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाते हुए भक्तगढ़। 

विकासखंड मड़ावरा में स्थित रोहिणी बांध पर विकासखंड अंतर्गत आने वाले तमाम ग्रामीण से माताजी का विसर्जन करने आए भक्तगण। 

निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन शनिवार को जनपद के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों व शहर में सुबह 6:00 से ही चलने लगा देवी प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला  भक्तों ने माता रानी को नम आंखों से विदाई दी। सुबह से ही दुर्गा प्रतिमाओं को गाजे बाजे के साथ विसर्जन के लिए ले जाया गया। दो वर्ष बाद इस बार बड़े उत्साह के साथ मां दुर्गा की विसर्जन रैली दुर्गा उत्सव समितियों ने निकाली। मां दुर्गा की जयकारे और ढोल ढमाकों की गूंज के साथ श्रद्धा और भक्ति के माहौल में प्रतिमाओं का विसर्जन नर्मदा तट पर बने विसर्जन कुंड में हुआ। विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से माता की आरती उतारी। महिलाओं ने माता का श्रृंगार किया। उसके बाद पूजा अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही उन्हें अगले वर्ष फिर से आने का निमंत्रण भी दिया।

सुसज्जित वाहन से प्रतिमा का नगर भ्रमण शहर के कई पूजा पंडालों के सदस्यों ने सुसज्जित वाहन से प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया। इस दौरान श्रद्धालु झूमते नजर आए। माता के विसर्जन से पहले महिलाओं ने माता रानी को चढ़ाए सिंदूर को अपने माथे से लगाया और अमर सुहाग की कामना की। परस्पर एक दूसरे की मांग से सिंदूर लगाकर सदियों से चली आ रही परंपरा निभाई। विसर्जन के लिए निकाले जा रहे जुलूस के दौरा भक्त डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों की धुन पर थिरकते नजर आए, वहीं महिलाओं ने गरबा नृत्य किया।

मां दुर्गा विसर्जन का सिलसिला शाम तक चलता रहा। नागरिकों ने नम आंखों से मातारानी को विदाई दी। वहीं झांकी पांडालों के साथ मंदिरों और घरों में हवन-पूजन अनुष्ठान के बाद कन्या भोजन और भंडारों की धूम रही। दुर्गा विसर्जन को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा शहर में स्थित जल स्रोतों पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई। विसर्जन के लिए कुछ लोग माता को कंधे पर बिठाकर ले गए तो विसर्जन शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। इसी दौरान पैदल, ट्रैक्टर- ट्रॉली और मिनी लोडर से विसर्जन के लिए ले गए प्रतिमाएं श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिमाएं विसर्जन के लिए  नदी और तालाबों पर ले जाई गईं। कोई पैदल मातारानी को लेकर गया तो कोई ट्रैक्टर- ट्रॉली और मिनी लोडर में लेकर गया। इस प्रकार से दिन भर शहर में प्रतिमा विसर्जन की धूम बनी रहीं। प्रतिमा विसर्जन में महिला, पुरुष के अलावा युवा व बच्चे शामिल रहे