होलिका में अश्लील साहित्य का करेंगें दहन

निष्पक्ष जन अवलोकन।मनीष सिंह जादौन उरई(जालौन)।नगर के न्यू पटेल नगर स्थित वृंदावन बिहार कॉलोनी में बैठक कर विधिविधान से गायत्री परिवार की परंपरा के अनुसार अपने घरों में रखा हुआ अश्लील साहित्य को होली में डालकर होली का विद्वत पूजन अर्चना की गई। इस अवसर पर गायत्री परिवार के वरिष्ठ परिजन श्री राजेश गुप्ता ने प्रज्ञा उपनिषद में उल्लेखित पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को प्रस्तुत करते हुए कहां की धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानव जीवन की वास्तविक प्राणवायु है। जिस प्रकार प्राण वायु के बिना शरीर निष्प्राण हो जाता है, उसी प्रकार धर्म के बिना जीवन निरर्थक और दिशाहीन हो जाता है। धर्म कोई बाहरी कर्मकांड नहीं, बल्कि नीतिमत्ता, कर्तव्य परायणता, प्रेम, सहयोग, और सद्भाव का समुच्चय है, जो जीवन को सार्थक बनाता है।धर्महीन जीवन: एक मृत अस्तित्व के समान है,जिस प्रकार प्राणविहीन शरीर सड़ने लगता है और वातावरण को दूषित करता है, उसी प्रकार धर्मविहीन मनुष्य ईर्ष्या, कलह, और विद्वेष को जन्म देकर समाज में अराजकता फैलाता है। यदि मनुष्य अपने कर्तव्यों और मानवीय मूल्यों से विमुख हो जाए, तो उसका जीवन भी पशु तुल्य बन जाता है। धर्म हमें आत्मशुद्धि और समाज कल्याण की दिशा में अग्रसर करता है।धर्म का पालन: जीवन के उत्थान के लिए आवश्यक अंग है ऋषियों ने धर्म को मानव जीवन के प्राण के रूप में स्वीकार किया है। प्राणवायु की उपस्थिति में ही शरीर स्वस्थ और सक्रिय रहता है, उसी प्रकार धर्म के पालन से जीवन उन्नति की ओर अग्रसर होता है। धर्म हमें गरिमा प्रदान करता है और सच्चे अर्थों में मनुष्य बनाता है। सनातन धर्म: आत्म-विकास और समाज सुधार का पथ प्रदर्शन करता है। सनातन धर्म का पालन करने से दो उद्देश्यों की पूर्ति होती है—व्यक्ति का आत्मविकास और समाज का उत्थान। इसलिए ऋषियों ने धर्म को प्राणवायु की संज्ञा दी है। जिस प्रकार जीवित रहने के लिए वायु आवश्यक है, ठीक उसी प्रकार धर्म भी जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता है। धर्म-धारणा को अपने जीवन में अपनाएं और इसे आत्म-विकास एवं समाज कल्याण का आधार बनाने का सत्संकल्प होलिका दहन में लिया गया। इस अवसर पर सी सतीश गुप्ता, विनय अग्रवाल, मनी चौरसिया, प्रकाश, शनि, अमित यादव, अखिलेश, मनोज पुरवार, दयाशंकर शुक्ल, ऋषि गुप्ता, अमित गुप्ता, श्रीमती कृष्णा गुप्ता, सुषमा, शशि, नरेंद्र गुप्ता, गीता चंदेरिया, रीता आदि आदि उपस्थित थे। सभी ने सादगी पूर्ण अनुशासित ढंग से रूप से होली मनाने का आवाहन सभी से किया।