भारतीय न्याय संहिता- 2023 समाविष्ट राष्ट्र निर्माण संकल्प की सकारात्मक अवधारणा विषय पर दो दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन।
निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया ब्यूरो चीफ। चित्रकूट ।सांविधानिक एवं संसदीय अध्ययन संस्थान उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय शाखा विधान भवन लखनऊ की ओर से जगत गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक सभागार में मुख्य अतिथि पद्म विभूषण जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज जीवन पर्यंत कुलाधिपति, माननीय सभापति विधान परिषद उत्तर प्रदेश कुंवर मानवेन्द्र सिंह, माननीय कुलपति प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय,माननीय प्रमुख सचिव विधान परिषद डॉक्टर राजेश सिंह, तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास जी के द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि पद्म विभूषण जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने भारतीय न्याय संहिता- 2023 के उद्घाटन सत्र के अवसर पर सभापति विधान परिषद एवं सदस्यों सहित अन्य लोगों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने एक भारतीय दंड संहिता लागू किया था 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली और 2022 तक के कालखंड तक वही दंड संहिता लागू रहा, लेकिन सौभाग्य यह रहा की भारत में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बनी और वह इस पर लगातार विचार करते रहे और उन्होंने भारतीय न्याय संहिता- 2023 को लागू किया इसमें जो कमियां है मैं माननीय प्रधानमंत्री जी से मिलकर के इस न्याय संहिता में और सुधार कराया जाएगा न्याय की परिभाषा क्या है कैसे परिभाषित करेंगे यहां न्याय का अर्थ है अपराधों पर दंडात्मक कार्यवाही अपनाना उन्होंने कहा कि जहां समीक्षा है वहां परीक्षा नहीं, जहां प्रक्रिया है वहां प्रतिक्रिया नहीं, जहां अनुग्रह है वहां आग्रह नहीं, मानवता परिष्कार है पर पुरस्कार नहीं, संस्कार है तो अत्याचार नहीं, जहां दंड है वहां उद्दंड नहीं, न्याय संहिता लक्षण प्राय है भक्षण प्राय नहीं, सत्य से बड़ा अन्याय है अन्याय किसी के साथ नहीं करना चाहिए, भारतीय न्याय संहिता- मंगलो की है अमंगलों की नहीं, भारतीय न्याय संहिता व्यापक दृष्टिकोण है किसी भी अत्याचार को क्षमा नहीं करना चाहिए उसमें कार्यवाही अवश्य होना चाहिए जब तक क्षमा करें जब तक क्षमता का सम्मान हो यह भारतीय न्याय संहिता है हम सब लोग भारतीय न्याय संहिता में भगवान श्री राम को मानते हैं जो भारतीय न्याय संहिता का अपमान करें उसे भारत में जीने का अधिकार नहीं है, राष्ट्र की रेखा का समाधान है रामचरितमानस, कहा कि कोई भी महिला व पुरुष अत्याचार करें उसे दंड देना ही चाहिए जब तक हम अपने समाज परिवार बच्चों को न्याय संगत कर्तव्य को नहीं सिखाएंगे तब तक यह भारतीय न्याय संहिता अधूरी रहेगी, अपराधी को किसी भी प्रकार से क्षमा नहीं करना चाहिए जो भारतीय संहिता न्याय का सम्मान नहीं करता उसे दंड अवश्यक मिलना चाहिए सदाचारों की रक्षा करें दुराचारों की नहीं हमारी भारतीय संस्कृति बिखरी जा रही है इसको संवारना होगा तभी यह भारतीय न्याय संहिता की मूल अवधारणा होगी, हमारा भारत पांचवी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है हम सब लोग जब एकजुट होकर कार्य करेंगे तभी राष्ट्र का विकास होगा भारतीय न्याय संहिता में नौकरशाही नहीं होना चाहिए। माननीय सभापति विधान परिषद कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने स्वामी जगत गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्होंने सभी विधान परिषद के सदस्यों एवं जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं आदि का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय न्याय संहिता -2023 यह भारतीय समाज को मजबूती प्रदान करेगा और यह मील का पत्थर साबित होगा उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की जिससे समाज को नई दिशा मिली है मैं उनका हृदय से अभिनंदन करता हूं उन्होंने कहा कि इस जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के सभागार में जो दो दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 बहुत महत्वपूर्ण विषय है जो इस विचार गोष्ठी में सुझाव प्राप्त होंगे उसको इस भारतीय न्याय संहिता 2023 में समाविष्ट किया जाएगा ताकि भारतीय समाज में सहभागिता बने उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 150 वर्षों के बाद इस भारतीय न्याय संहिता में ऐतिहासिक कानून को लागू करके यह संहिता का निर्माण कराया गया है आजादी के बाद से अभी तक किसी सरकार ने इस पर चर्चा नहीं किया था, इसमें नए कानून की भावना के अनुरूप धाराओं को लागू करके भारतीय न्याय संहिता 2023 को बनाया गया है माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नए आयाम को लेकर कानून बनाए गए हैं पहले के कानून में सिर्फ पुलिस की रक्षा की गई थी यह कानून सर्व समाज के कल्याण के लिए बनाया गया है। श्री तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास जी ने कहा कि पूज्य गुरुदेव ने दुनिया में सबसे पहले दिव्यांगों के शिक्षा के लिए यह विश्वविद्यालय स्थापित किया था आज इस विश्वविद्यालय में यह गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है मैं सभापति सहित माननीय सदस्यों एवं सभी अधिकारियों कर्मचारियों छात्र-छात्राओं का हार्दिक स्वागत करता हूं उन्होंने कहा कि हमारे परम पूज्य गुरुदेव ने गोष्ठी में बताया है की ऋषियों मुनियों महापुरुषों के कालखंड से जो न्याय संहिता चली आ रही थी उसका उन्होंने आज रामचरितमानस गीता आदि के माध्यम से वर्णन किया है उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट न्याय की भूमि है इस तीर्थ नगरी में आज भारतीय न्याय संहिता 2023 पर मंथन हो रहा है निश्चित रूप से राष्ट्र निर्माण में यह सार्थक होगी। प्रमुख सचिव विधान परिषद डॉक्टर राजेश सिंह ने मुख्य अतिथि पद्म विभूषण जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज जीवन पर्यंत कुलाधिपति ,माननीय सभापति विधान परिषद, माननीय विधान परिषद के सदस्यों, विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सभी विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र छात्राओं का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 जो लागू की गई है इसमें जो इस विचार गोष्ठी के माध्यम से विद्वानों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा उसका भी इस न्याय संहिता में समावेश किया जाएगा। इसके पूर्व मुख्य अतिथि, माननीय सभापति विधान परिषद सहित अन्य लोगों ने प्रमुख सचिव द्वारा लिखित प्राचीन भारत की न्यायिक व्यवस्था एवं महाभारत नामक पुस्तक का लोकार्पण भी किया, तथा मुख्य अतिथि सहित सभी अतिथियों का स्मृति चिन्ह एवं पुष्प गुच्छ तथा अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया, एवं डॉक्टर अमित द्विवेदी व डॉक्टर विजय पयासी द्वारा सरस्वती वंदना, स्वस्तिवाचन किया गया,कार्यक्रम का संचालन शिक्षक डॉ गोपाल कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। गोष्ठी में सूचना विभाग चित्रकूट द्वारा डबल इंजन की सरकार के साढ़े सात वर्ष, टेबल कैलेंडर, उत्तर प्रदेश संदेश, मिशन शक्ति सशक्त नारी सशक्त प्रदेश, सूचना पंचांग, काफी टेबल बुक हार्ड बाउंड, आर्टिकल बुक हार्ड बाउंड, सनातन गर्व महाकुंभ पर्व नमक बुकलेट सहित अन्य साहित्य का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान माननीय सदस्य विधान परिषद डॉ बृजेश चंद्रा , टी एन त्रिपाठी, हरि जी पांडेय , विजय शंकर पति त्रिपाठी, देवेंद्र उपाध्याय, प्रमोद कुमार मिश्रा, शशि शर्मा, बाला पांडेय, मीरा आचार्य, तूलिका आशुतोष, मंजू यादव, ममता आर्य, कनक लता निगम, दिनेश चंद्र त्रिपाठी, कृष्ण नारायण मिश्रा , शैलजा चौहान, रत्नेश्वर सिंह सहित अन्य माननीय विधान परिषद के सदस्य एवं, विशेष सचिव विधान परिषद प्रताप नारायण द्विवेदी, शिवेंद्र सिंह, उपसचिव मुनेश कुमार,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व उमेश चन्द्र निगम, उप जिलाधिकारी कर्वी पूजा साहू, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, शिक्षक छात्र-छात्राएं एवं अन्य लोग मौजूद रहे।