अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के विरोध में तहसीलदार को दिया गया ज्ञापन
निष्पक्ष जनअवलोकन
बाराबंकी/ रामनगर एडवोकेट बृजेश गौतम के नेतृत्व में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के विरोध में तहसीलदार रामनगर भूपेंद्र विक्रम सिंह को राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन दिया गया।जिसमें मननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त 2024 को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के कानून को लागू कर दिया जिससे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा की जनता को आहत हुई है जिसके विरोध में आज राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार को दिया गया जिसमें निम्नलिखित मांगे रखी गई-1-भारत सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त 2024 को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण के विरूद्ध दिए गये संवैधानिक निर्णय को संसद में कानून बनाकर रद्द करें और आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में डलवाने के लिए माननीय न्यायालय को निर्देशित करें। 2-भारत सरकार शीघ्रातिशीघ्र पूरे भारत में जातिगत जनगणना शुरू करवाएं ताकि पता चल सके कि देश में किस वर्ग की कितनी संख्या हैं 3-भारत सरकार आरक्षण अधिनियम बनाये ताकि ताकि आरक्षण के विरुद्ध कार्य करने वालों के खिलाफ करवाई की जा सके।इस अवसर पर एडवोकेट अमित कुमार गौतम, एडवोकेट राम मनोरथ गौतम,एडवोकेट शुभकरन गौतम, एडवोकेट जयनाथ भारती ,एडवोकेट कासिम खान,एडवोकेट विनोद कश्यप, एडवोकेट राम प्रकाश यादव,एडवोकेट राज कुमार यादव,एडवोकेट महेश सिंह,एडवोकेट रवि यादव,एडवोकेट कौशल यादव,एडवोकेट लव कुमार पाठक, मनीराम गौतम, विजेंद्र यादव,पवन गौतम के साथ तमाम लोग मौजूद रहे।