ये मेरा पीर खाना सलामत रहें

ये मेरा पीर खाना सलामत रहें

निष्पक्ष जन अवलोकन। रमजान अली। गोंडा। प्रसिद्ध खानकाह दरबार ए आलिया मीनाईया में जश्ने ईद मिलादुन्नबी व जश्ने दस्तार बंदी का प्रोग्राम हज़रत शाह जमाल मीना साहब की सरपरस्ती में हुआ। बाद नमाज़े जोहर हुजूर पैगम्बरे इस्लाम, हज़रत मौला अली,हज़रत इमाम हसन व इमाम हुसैन एवं हुजूर गौसे आजम के मुए मुबारक (पवित्र बाल) की जियारत कराई गई। हजारों अकीदतमंदों ने जियारत की। बाद नमाजे ईशा ईद मिलादुन्नबी की महफिल हुई जिसका संचालन हस्सान रज़ा बरेलवी ने किया। प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती अहमद रज़ा मंजरी अपने सम्बोधन में शिक्षा के महत्व को बताया एवं बाबा जी के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों की सराहना की एवं उनकी बातों पर अमल करने के लिए कहा। इनके अलावा मुफ्ती अमानूर रब, मौलाना मुज़क्किर ने मीनाईया के बारे में लोगों को विस्तृत रूप से अवगत कराया। अब्दुल रहीम चिश्ती कारी सलमान रज़ा, हाफिज अरमान रज़ा आदि ने नात व मनकबत पेश किया। दस्तारबंदी (दीक्षांत समारोह) में अशहर, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद साहिल, आमिर खान समेत 31 छात्रों को दस्तार ने नवाज़ा गया। बृहस्पतिवार को दिन में कुल शरीफ की महफिल हुई। हाफिज कैफ वज़ीर ने पढ़ा कि जामे साहबाय मीना सलामत रहे, ये मेरा पीर खाना सलामत रहे मौलाना शकील ने पढ़ा मुर्शीद ए मोहतरम हो निगाहें करम कारी चांद मोहम्मद ने पढ़ा हबीब ए खुदा की है जिस पर अता, वही तो मेरा पीर हैं अज़मत रहमानी ने पढ़ा कि न जुदा करो ख़ुदारा मुझे अपने आस्ता से इनके अलावा कारी रिजवान, कारी रोशन जमा, हफीज आलम मीनाई, फिदा बलरामपुरी आज़म मीनाई आदि ने अपने कलाम व मंक़बत पेश किए। अंत में दुआ ख्वानी हुई जिसमें मुल्क की तरक्की व खुशहाली के लिए दुआ की गई। इस अवसर पर कारी निसार मीनाई, डॉ लायक अली, फकीर मोहम्मद मीनाई, कारी ख़ल्क़ उल्लाह साहब वली मोहम्मद मामा, एहसान मीनाई, तबरेज आलम मीनाई रफीक मीनाई, बीबी लाल श्रीवास्तव, असित श्रीवास्तव, राजेन्द्र मिश्र, विभूति मणि त्रिपाठी समेत सैकड़ों अकीदतमंत मौजूद रहे।