यूपी के अन्नदाता संकट में, खाद-बीज के लिए मचा हाहाकार
निष्पक्ष जनवलोकन। रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी। रूद्रपुर, देवरिया । उत्तर प्रदेश में रबी की बुवाई के पीक सीजन में किसानों को खाद के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खाद की कमी के कारण किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। खाद की उपलब्धता न होना किसानों के लिए एक गंभीर संकट बना हुआ है । सहकारी समितियों से डीएपी गायब है। यह बात युवा सपा नेता फखरुद्दीन अन्सारी ने प्रेस वार्ता के दौरान कही । उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों से किये गये अपने एक भी वादे को पूरा नहीं किया। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गये तीन काले कानूनों की वापसी के लिए सात सौ से ज्यादा किसानों की मौतें हो गयीं, फिर भी सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का कानून नहीं बनाया। कहा कि भाजपा सरकार में अन्नदाता बहुत परेशान हैं । एक तरफ जहां किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक महंगे मिल रहे हैं, वहीं जुताई बुआई महंगी हो गयी है। किसान को अपनी उपज का लाभकारी मूल्य भी नहीं मिल रहा है। सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं। किसानों को खाद नहीं मिल रही है। किसान को ब्लैक में खाद खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है। बीज के साथ कुछ दवाओं के पैकेट लेने का भी दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार की मार किसानों पर पड़ने से किसान और ज्यादा लाचार तथा गरीब होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और अधिकारी दोनों मिलकर किसानों के हिस्से की डीएपी लूट रहे हैं, जो बहुत ही घृणित कार्य है । उत्तर प्रदेश के अन्नदाता समय आने पर भाजपा को इसका जवाब अवश्य देंगे।