मनरेगा योजना को प्रधान रोजगार सेवक और सचिव की मिली भगत से चढ़ाई जा रही भ्रष्टाचार की भेंट।।

मनरेगा योजना को प्रधान रोजगार सेवक और सचिव की मिली भगत से चढ़ाई जा रही भ्रष्टाचार की भेंट।।

निष्पक्ष जन अवलोकन सीतापुर 

सतीश कुमार सिंह 

कार्य पर आते हैं 6 श्रमिक ,और हाजिरी लगाई जाती 58 श्रमिको की ।

महमूदाबाद,सीतापुर।

ब्लाक महमूदाबाद इलाके के ग्राम पंचायत रजपारापुर में मनरेगा योजना चढ़ाई जा रही है भ्रष्टाचार की भेंट। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा रोजगार गारंटी योजना भ्रष्टाचारियो के लिए आमदनी का जरिया बन चुकी है जिससे जिम्मेदार अधिकारी अपनी तिजोरी भरने का कार्य कर रहे हैं सरकार की तरफ से गांव में बेरोजगारों को इस योजना का लाभ देकर स्वरोजगार बनाना चाहती है लेकिन कुछ प्रधान और सचिव की जोड़ी मिलकर इस योजना को धरातल के बजाय कागजों पर ही सीमित कार्य करा रहे हैं और फर्जी तरीके से मनरेगा कार्य में हाजिरी लगाकर मोटी रकम निकाल कर अपनी अपनी तिजोरी भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।वही पंचायत में कागजों पर नाला खुदाई का कार्य बीते कुछ दिनों से चल रहा है जिसकी हकीकत जानने के लिये जमीनी स्तर पर देखा गया। तो उस नाला खुदाई कार्य के नाम पर मात्र केवल 6 श्रमिक पाये गए और मास्टर रोल पर लगातार फर्जी उपस्थिति दर्ज कर मोटी रकम निकलने का कार्य हो रहा है लगाई गई हाजिरी के अनुसार कार्य कुछ नजर नही आया ।बीते 3 या 4 दिन पहले से ही से लगातार मास्टर रोल फर्जी तरीके से भर दिया जा रहा है अगर सूत्रों की माने तो नाला निर्माण कार्य पर कुछ लेबरों को लाकर फोटो खींचकर केवल जिओ टेक करने के कुछ ही देर बाद फिर वापस भेज दिए जाते हैं दिनाक 22/06/2024 को नाला निर्माण खुदाई पर कार्य करते हुए केवल 6 श्रमिक ही मिले तो इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों से फोन के माध्यम से करने का प्रयास किया गया तो फोन नही लगा।अगर प्रधान जी से जानकारी करने का प्रयास करे तो सदरपुर मिलने की बात कहकर फोन काट देते हैं। अगर रोजगार सेवक से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो वह फोन उठाना मुंसिफ नहीं समझा अपने आप को जिले के आल्हा अधिकारी से भी पद पर तैनात होने का रोजगार सेवक को गर्व साबित होता है जब एक पत्रकार का फोन नहीं उठा सकते तो यह आम जनमानस का कार्य किस प्रकार कर रहे होंगे या विभाग के अधिकारियों का फोन आता होगा तो कैसे सूचनाओं प्राप्त करते होंगे लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब कार्य पर 6 श्रमिक कार्य कर रहे है तो 58 श्रमिको की हाजिरी क्यों लगा दी जाती है इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि प्रधान सहित जिम्मेदार अधिकारियों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे हैं अगर धरातल पर देखा जाए तो अन्य भी बहुत से कार्य देखने को मिलेंगे जिसमे जमकर भ्रष्टाचार किया गया होगा और सरकारी धनराशि का बंदरबाँट किया गया होगा गांव की सरकार उत्तर प्रदेश की सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है।अब देखना यह है कि योगी सरकार में इन भ्रष्टाचारियो पर क्या कार्यवाही होगी?क्या योगी सरकार में इस तरह का भ्रष्टाचार होता रहेगा?