पुलिस अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाले बदमाश को असली पुलिस ने किया गया गिरफ्तार

यूपीकॉप ऐप के माध्यम से एफआईआर प्राप्त कर लोगो के नम्बर पर फोन कर अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही कराने के नाम पर ऐठता था रूपये

पुलिस अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाले  बदमाश को असली पुलिस ने किया गया गिरफ्तार

निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविंद कुमार पटेल। 

ललितपुर। अभियुक्त के एकाउण्ट से 60,000 रूपये फ्रीज कराकर वादी को कराये गये वापस अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन कानपुर एवं श पुलिस उप महानिरीक्षक झांसी, परिक्षेत्र झांसी के निर्देश के क्रम में पुलिस अधीक्षक ललितपुर के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक जनपद ललितपुर अनिल कुमार एवं क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय के निकट पर्यवेक्षण में साइबर थाना ललितपुर पुलिस अभियुक्त सुमित यादव पुत्र संजीत यादव नौरा , पोस्ट थोना , जनपद निवाड़ी मध्य प्रदेश को हवाई पट्टी के पास से गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही की गयी । आपको बताते चले वादी मुकदमा द्वारा प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया गया कि मेरे द्वारा महिला थाना ललितपुर में अभियुक्त द्वारा स्वंय पुलिस एसपी आफिस से इंस्पेक्टर बताकर वादी के मुकदमें कार्यवाही करने के नाम पर झांसे में लेते हुये ठगी करने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया गया था । प्रार्थना पत्र के आधार पर साइबर थाना ललितपुर में सुसंगत धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया था । घटना के शीघ्र अनावरण हेतु साइबर टीम द्वारा साइबर सर्विलांस, सीसीटीवी के माध्यमों से अपराधियों को चिन्हित कर उनकी रूट मैपिंग की गयी । इसके लिये झांसी, मऊरानीपुर , टीकमगढ़ , निवाड़ी मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों का सीसीटीवी फुटेज देखे गये । इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा साइबर अपराध में प्रयोग किये गये बैंक खातों के स्टेटमेंट का अवलोकन कर मनीट्रेलिंग को फोलो किया गया । अलग -अलग स्थानों के विभिन्न एटीएम के सीसीटीवी फुटेज देखकर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त सुमित उपरोक्त ने पूछतांछ करने पर बताया कि हमारा एक संगठित गिरोह है जो अलग – अलग स्थानों में रहकर लोगों को फोनकर स्वंय एसपी आफिस सें इंस्पेक्टर तथा सीओ आफिस से बताकर उनके द्वारा थानों में लिखाये गये मुकदमें में कार्यवाही करने का आश्वासन देकर झांसे में लेकर धन प्राप्त कर लेते हैं। हमारे यहां इस काम की प्रोपर ट्रैनिंग दी जाती है कि कैसे साइबर फ्राड करना है और मैने इसका 15 दिनों का कोर्स किया था और उसमें हम लोगो को सिखाया जाता है कि कैसे हमे बात करनी है ताकि पब्लिक को शक न हो सके । यूपीकॉप एप के माध्यम से थानों में पंजीकृत एफआईआर का विवरण प्राप्त करता हूं। इसके बाद अभियुक्त के नम्बर पर फोन करके उन्हे बताते हैं कि मैं एसपी आफिस से इंस्पेक्टर बोल रहा हूँ या सीओ आफिस से बोल रहा हूँ तथा फिर उनको बताता हूँ कि मैने विपक्षियों के विरूद्ध कोर्ट में वारंण्ट जल्दी जारी करा दूंगा जिसके लिये आपको रूपये देने होगे और उन लोगो से रूपये ले लेता हूँ। कभी कभार मैं वादी को फोन कर विपक्षीगणों को गिरफ्तार करने तथा उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने का आश्वासन देते हुये रूपये प्राप्त कर लेता हूँ । फिर इसके बाद लोगों से ठगे गये धन को दूरस्थ के एटीएम व सीएससी केन्द्रों के माध्यम से कैस करा लेते है , तथा ठगी में प्रयोग किया या बाद में हम अपना मोबाइल नम्बर बन्द कर लेते है।