करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, मास्टर माइंड सहित 14 गिरफ्तार

फर्जी कॉल सेंन्टर के माध्यम से लोगो को एयरपोर्ट अन्य विभागों में नौकरी का लालच देने प्रपत्रों का उपयोग करके षड़यंत्र-पूर्वक, कूट-रचित दस्तावेज तैयार करके हजारो फर्जी कम्पनीं बनाकर, करते थे ठगी

करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़,  मास्टर माइंड सहित 14  गिरफ्तार

निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल।

ललितपुर। अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन, कानपुर व पुलिस उपमहानिरीक्षक, झांसी परिक्षेत्र, झांसी के निर्देश के क्रम में, पुलिस अधीक्षक, ललितपुर के निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक, एंव क्षेत्राधिकारी सदर के निकट पर्यवेक्षण में, अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में साइबर क्राइम थाना ललितपुर पुलिस द्वारा पांच नफर अभियुक्त पुरूष व नौ नफर अभियुक्तायें महिलायें को शनिवार को दिल्ली से हिरासत पुलिस लेकर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है। साइबर क्राइम थाना ललितपुर जनपद ललितपुर पर शिकायतकर्ता राजकुमार रजक पुत्र रमेश रजक ग्राम विजरौठा मजरा टपरियन के द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर अभियुक्तगण नाम पता अज्ञात के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया है, जिसमें विवरण अंकित कराया था मोबाइल के माध्यम से उपयोग कर्ता द्वारा वादी को नौकरी लगवाने के नाम पर उसके आधार कार्ड,पैन कार्ड आदि प्रपत्रों के माध्यम से फर्जी कम्पनी रजिस्टर्ड करना तथा कंम्पनी के नाम से एक करोड़ रूपये की धनराशि का लोहा खरीदना तथा जीएसटी कर की चोरी करना तथा दस्तावेजों का दुरूपयोग करना कार्य करता था । सूचना पर साइबर क्राइम थाना द्वारा सुसंगत धाराओं में नाम व पता अज्ञात के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था । उपरोक्त प्रकरण की गंभीरता व व्यापकता को दृष्टिगत रखते हुए गुणवत्तापूर्ण विवेचनात्मक कार्यवाही व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन हेतु जनपद स्तरीय साइट टीम गठित की गयी । सर्विलांस मैनुअली,टैक्नीकल, वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन व अन्य एकत्रित साक्ष्यों का अवलोकन व तकनीकी विश्लेषण करके प्राप्त जानकारी के आधार पर अभियुक्तगण चन्दन कुमार मिश्रा उर्फ वरूण मिश्रा पुत्र जितेन्द्र मिश्रा रोहन पुत्र धर्मेन्द्र कुमार सिंह राहुल कुमार झां पुत्र संतोष कुमार झां विपिन जैन पुत्र सतीश चन्द्र जैन सुभम शर्मा पुत्र रमेश कुमार शर्मा... उपरोक्त को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया । अपराध करने का तरीक़ा अभियुक्तों द्वारा धन कमाने के उद्देश्य से योजना बनाकर फर्जी कॉल सेंन्टर बनाकर लडकियों के माध्यम से लोगो को कॉल करके एयरपोर्ट अन्य विभागों में नौकरी लगवाने का झाँसा देकर उनके प्रपत्रों को प्राप्त करना उपरोक्त प्रपत्रों का उपयोग करके षड़यंत्र-पूर्वक, हजारो फर्जी कम्पनीं बनाकर रजिस्टर्ड करना, । मोबाइल विक्रेता द्वारा लोगों को गुमराह करके उनका एक्टिवेट सिम प्राप्त करना और इस गिरोह के सरगना को बेच देना । फर्जी कम्पनियों का जीएसटी नम्बर लेना फर्जी कम्पनियों के बिल तैयार करना फर्जी कम्पनियों को लाखो रूपये में व्यापारी व अन्य लोगों को विक्रय करके करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी करना तथा उनके द्वारा सरकार के टैक्स की चोरी करना। पूछतांछ में बताया कि अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि साहब हम लोगों का एक सगठित गिरोह है । हम लोगो ने आपस में मिलकर कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के उद्देश्य से एक प्लान तैयार किया जिसके क्रम में पहला कार्य लोगो को एयरपोर्ट व अन्य विभाग में 10 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी का लालच देकर उनके प्रपत्र प्राप्त करने का काम करते है , उन प्रपत्रों को षड़यन्त्र-पूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार करके फर्जी कम्पनी बना लेते है । इस कार्य के लिये मोबाइल नम्बर की आवश्यकता होती है जो हमारी ही टीम के सदस्य सुभम शर्मा व विपिन उपलब्ध कराने का काम करते है जो लोगो को गुमराह करके सिम खरीदने वालो को एक ही आईडी पर धोखा-धड़ी करके दो एक्टिवेटेड सिम तैयार कर लेते थे जिसमें से एक सिम ग्राहक को दे देते थे तथा दूसरी सिम का प्रयोग हम लोग धोखा-धड़ी में करते थे । इस कार्य को सही ढंग से करने के लिये हम लोग कॉल सेंटर के माध्यम से कार्य करते है, जिसमें कॉल करने के लिये लड़कियो को प्रतिमाह 5 हजार रुपये की सैलरी पर नियुक्त कर रखा है, जो पूरे भारतवर्ष में कॉल करके एयरपोर्ट में 10 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी लगवाने के नाम पर लोगो को गुमराह करने का काम करती है तथा उनके दस्तावेज जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड व शैक्षिक अभिलेख आदि प्राप्त करके इन प्रपत्रों से षड़यंत्र पूर्वक, कूट-रचित दस्तावेज तैयार करके फर्जी कम्पनी बनाकर रजिस्टर्ड करते है । इन फर्जी रजिस्टर्ड कम्पनियों को हम लोग ऊँची कीमतो पर हमारे सम्पर्क में रहने वाले व्यापरियों,लोगों को बेंच देते है । जिसके माध्यम से व्यापारी व अन्य लोग फर्जी इनवॉइस/बिल्टी बिल तैयार करके जीएसटी टैक्स कर चोरी करने का काम करते है और इस कार्य में व्यापारियों को भी बहुत अधिक लाभ होता है । इस कार्य के लिये ऐसे व्यापारी हम लोगो से ज्यादा से ज्यादा कम्पनी अधिक से अधिक दामों में खरीदने का काम करते है । अब तक हम लोगो नें करीब 1000 से भी ज्यादा फर्जी कम्पनी बनाकर व्यापारियों को करोड़ो रुपये में बेंच दी है इस कार्य से जो भी लाभ प्राप्त होता है उसे हम लोग आपस में मिलकर बराबर-बराबर बांट लेते है ।