आखिर सकरन में दोषी प्रधानों सचिवों व रोजगार सेवकों पर कारवाई कब होगी

आखिर सकरन में दोषी प्रधानों सचिवों व रोजगार सेवकों पर कारवाई कब होगी

आखिर सकरन में दोषी प्रधानों सचिवों व रोजगार सेवकों पर कारवाई कब होगी

निष्पक्ष जन अवलोकन 

सतीश कुमार सिंह 

रामपुर मथुरा के स्वर्ण,महमूदाबाद के रजत के बाद सकरन ने भी भ्रष्टाचार में हासिल किया कांस्य पदक,जिले में बढ़ी साख।

ओड़ाझार,कल्ली,मडोर,नसीरपुर,कम्हरिया कटेसर,काजीपुर में लाखों रुपयों की वसूली के साथ दोषियों को दण्ड कब?

सकरन(सीतापुर):महमूदाबाद की तर्ज पर सकरन में भी भ्रष्टाचार के आयामों के जरिए बुलन्दियों को छूते हुए लाखों रुपए बगैर काम कराए ग्राम निधि सहित मनरेगा से निकाल कर लिए हजम।बार बार खबरों के प्रकाशन के बाद भी जिम्मेदारों के कान पड़ नहीं रेंग रही जूँ। ग्रामपंचायत कल्ली में सोकपिट,गोट शेड निर्माण को कराए बगैर प्रधान जमाल अहमद व सचिव सहित रोजगार सेवक ने करवा लिया लाखों रुपयों का पेमेंट जिसकी लिखित शिकायत के साथ ग्रामीणों ने की शिकायत फिर भी आज तक कार्यवाई सिफर,यही स्थिति ग्रामपंचायत ओड़ाझार में भी देखने को मिल रही जहां की गई शिकायत के उरन्त भी मानक विहीन इंटरलॉकिंग, नाली,पंचायत सचिवालय,आर आर सेंटर,खड़ंजे की ईंटों को उखाड़ अपने उपयोग में लेकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया फिर भी कार्यवाई सिफर।ग्रामपंचायत नसीरपुर में रामचंद्र के घर तक जाने वाली इंटरलॉकिंग जो जमीन से ही है नदारद फिर भी हो गया लाखों रुपयों का पेमेंट क्या जिम्मेदार ग्रामप्रधान, सचिव,तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक इसमें भी किसी कार्यवाई के बगैर बच निकलेंगे या होगी कोई सख्त कार्यवाई के साथ रिकवरी व मिलेगा उचित दण्ड।ग्राम पंचायत मडोर,कम्हरिया कटेसर,काजीपुर में भी लोकसभा चुनाव में खर्च के नाम पर मनमाने बिल,व्हील चेयर खरीद में फर्जी बिल,नाली,इंटरलॉकिंग,चकबंधों के निर्माण के नाम पर खुलेआम लाखों रुपए बर्बाद किए गए फर्जी कामों व बिलों के जरिए मोटी रकम हड़प कर ली गई पर कार्यवाई शून्य होना क्षेत्र के विकास खंड अधिकारी के लिए शुभ संकेत नहीं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक सामाजिक संगठन के पदाधिकारी इन वृहत्तम घोटालों की जांच रिकवरी व दोषियों को दण्डित कराने के लिए नवनिर्वाचित सांसद राकेश राठौर से संपर्क भी कर चुका है।अब देखने वाली महत्वपूर्ण बात ये होगी कि सकरन के इन गंभीर मामलों पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व जिले के उच्चाधिकारी किस स्तर तक लेते हैं एक्शन और दोषियों को दिलवाते हैं सजा।