कलम के सिपाही गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती पर किया नमन

तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष पत्रकारिता करना कलमकारों की बड़ी जिम्मेदारी तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष पत्रकारिता करना कलमकारों की बड़ी जिम्मेदारी ललितपुर। निष्पक्ष जन अवलोकन। पाली । मूर्धन्य पत्रकार एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी की  जयंती धूमधाम पत्रकार भवन में धूमधाम से मनाई। इस दौरान  क गणेश शंकर विद्यार्थी जी प्रतिमा पर कस्बे के पत्रकारों और गणमान्य नागरिकों ने पहुंचकर पुष्प अर्पित कर उनकी जयंती मनाई। इस दौरान अतिथियों ने उनके जीवन के बारे में बताते कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी जी का जन्म कायस्थ परिवार में 26 अक्टूबर , 1890 को अपनी नानी गंगा देवी के घर अतरसुइया प्रयागराज में हुआ था । 25 मार्च 1931 को 41 वर्ष की आयु में वह शहीद हो गये थे । इस दौरान मौके पर उपस्थित पत्रकार जनों ने कहा कि  गणेश शंकर विद्यार्थी एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार, समाज-सेवी और स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में उनका नाम अजर-अमर है। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी लेखनी की ताकत से भारत में अंग्रेज़ी शासन की नींद उड़ा दी थी। महान स्वतंत्रता सेनानी ने कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसावादी विचारों और क्रांतिकारियों को समान रूप से समर्थन और सहयोग दिया। अपने छोटे जीवन-काल में उन्होंने उत्पीड़न क्रूर व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ में हमेशा आवाज़ बुलंद किया चाहे वो  नौकरशाह, जमींदार, पूंजीपति या उच्च जाति का कोई इंसान हो। एक क्रांतिकारी पत्रकार और स्वाधीनता कर्मी के तौर पर अपना करियर प्रारंभ किया। पत्रकार पुरोधा विद्यार्थी जी ने  क्रांतिकारी पत्रिका ‘प्रताप’ की स्थापना की और उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद किया। प्रताप के माध्यम से उन्होंने पीड़ित किसानों, मिल मजदूरों और दबे-कुचले गरीबों के दुखों को उजागर किया। अपने क्रांतिकारी पत्रिकारिता के कारण उन्हें बहुत कष्ट झेलने पड़े । सरकार ने उनपर कई मुक़दमे किये, भरी जुर्माना  लगाया और कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। आजादी के आंदोलन में कलम के सिपाही विद्यार्थी जी का नाम हमेशा अमर रहेगा । इस मौके पर पत्रकार पुष्पेंद्र चौरसिया , प्रियंक जैन , नितिन जैन , पुष्पेंद्र साहू , हरगोविंद कुशवाहा , मोनू राय मौजूद रहे ।