फर्जीवाड़ों का केंद्र बिंदु बनी दारी फैक्ट्री ओडाझार श्रमिकों के हक पर डाका

फर्जीवाड़ों का केंद्र बिंदु बनी दारी फैक्ट्री ओडाझार श्रमिकों के हक पर डाका

फर्जीवाड़ों का केंद्र बिंदु बनी दारी फैक्ट्री ओडाझार श्रमिकों के हक पर डाका

निष्पक्ष जन अवलोकन

सतीश कुमार सिंह

वित्तीय अनियमितताओं के आका बने फैक्ट्री संचालक

सकरन/सीतापुर ओड़ी ओपी के जरिए भारत ही नहीं समूचे विश्व में अपना लोहा मनवाते हुए सीतापुर का रोशन कर रहे दारी एवं कार्पेट उधोग जो ग्रामीण क्षैत्र में गरीबों व अल्पसंख्यको को नजदीकी रोजगार उपलब्ध कराने को उधोगों को बढ़ावा देने की नीति के चलते लधु व कुटीर उद्योगों को एक तरफ बढ़ावा मिला दुसरी तरफ भ्रष्टाचारियों ने जमीनी स्तर पर गरीब श्रमिकों के हकों पर डाका डालने लगे हैं इसी प्रकार तहसील विसवां थाना क्षेत्र सकरन विकास खंड सकरन सांडा ग्राम पंचायत ओडाझार में सोसाइटी के माध्यम से फिरोज शाह हैंड लूम कार्यरत हैं जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के जरिए लाखों रुपए का गोलमाल किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फैक्ट्री मैनेजर ने क्षेत्रीय बैंक मैनेजर से मिलकर श्रमिकों के खातों में बड़े स्तर पर हेरफेर करते हुए श्रमिकों को मिलने वाले लाभों को हड़पने का काम किया है जिसमें सोसायटी के सचिव व बाबू के साथ पदाधिकारी भी संलिप्त हैं कारखाना अधिनियम के मानकों की अनदेखी भी आपको हर जगह देखने को मिल जाएगी फर्जी श्रमिकों से भरें पड़े रजिस्टरों के साथ सुरक्षा स्वास्थ्य के अन्य मानक भी नदारद श्रमिकों को मिलने वाले विभिन्न लाभों को स्वयं डकारने वाले फैक्ट्री प्रबंधन समूह की एक बहुत ही बड़ी खबर प्रकाश में आ रही है जहां लाखों की लूट-खसोट का अंदेशा प्रतीत हो रहा है। निर्धन श्रमिकों के हितों पर चोट कर उन्हें लूटने वालों के विभिन्न पहलुओं पर जांच के बाद श्रमिकों के साथ किस स्तर तक प्रशासन व विभाग दोषियों पर कार्रवाई करते हैं या करते हैं या करते हैं या सरकारी धन को चपत लगाने वालों व श्रमिकों को लूटने वालों पर कार्रवाई होगी या भ्रष्टाचार होता रहेगा