हथकरघा कारीगरों की हालत खराब, दो जून खाने भर की कमाई नहीं

हथकरघा कारीगरों की हालत खराब, दो जून खाने भर की कमाई नहीं

निष्पक्ष जन अवलोकन। अजय रावत। सिरौलीगौसपुर। मंहगाई के समय करघा से बुनाई करने वाले मजदूरों को मनरेगा भर की मजदूरी नहीं मिल पा रही है दिन भर करघा मशीन से कपड़े बुनाई करने के बाद घर की सब्जी भर की मजदूरी मिल पाती है। बताते चलें कि क्षेत्र के ग्राम सहरी में बेबी पत्नी इरसाद हुसैन घर पर करघा से सूती कपड़े गमछा आदि की बुनाई करती हैं।इस कार्य में तीन महिलाएं/पुरुष से करघा मशीन से कपडा बनता है और दिन भर में चार अदद कपड़े का निर्माण किया जाता है। प्रति अदद 40 रुपये करघा से कपडे की बुनाई की मजदूरी मिलती है।जो कि मनरेगा मजदूर के बराबर भी नहीं होती है ऐसे में करघा चलाने वाले परिवारों की इस मंहगाई के दिनों में सिर्फ सब्जी भर की ब्यवस्था हो पाती है।करघा चलाकर जीवन यापन करने वाले परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक है। सरकार द्वारा इस काम में लगे परिवारों को प्रोत्साहन स्वारुप अनुदान आदि दिये जाने की ब्यवस्था की जानी चाहिए ताकि करघा चलाकर जीवन यापन करने वाले परिवारों की स्थिति मजबूत हो सके।