कवि प्रदीप महाजन के जन्म दिन पर किया गया काव्य गोष्ठी का आयोजन

कवि प्रदीप महाजन के जन्म दिन पर किया गया काव्य गोष्ठी का आयोजन

निष्पक्ष जनअवलोकन बाराबंकी।'जिसमें प्रकाश ज्योतित स्वाती के सीप का।

इतना प्रखर प्रदीप है अपने समीप का।शुभकामनाएं अम्बर की हैं बस इन्हें,यश दिग्दिगन्त फैले कविवर प्रदीप का ।।' उक्त उद्गार डॉ अम्बरीष 'अम्बर' ने "उत्तर प्रदेश साहित्य सभा" के तत्वावधान में आयोजित काव्य गोष्ठी जो हास्य कवि प्रदीप महाजन के जन्म दिन व मतदाता जागरूकता ' को समर्पित थी, की अध्यक्षता करते हुए अपने काव्य पाठ में पढ़ी।श्रीराम पैलेस में सम्पन्न गोष्ठी का सफल संचालन सूर्यांशु शर्मा 'सूर्य' ने किया।बाराबंकी इकाई के अध्यक्ष रवि अवस्थी रुद्रांश की वाणी वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद साहब नारायन शर्मा ने काव्यात्मक प्रस्तुति दी।डॉ ओ पी वर्मा ओम ने मतदान जागरूकता पर गीत पढ़ा 'वोट डाल फिर हो जलपान।आओ चलो करें मतदान ।।'

हास्य के सशक्त हस्ताक्षर अजय प्रधान ने कहा-

'है मेरी शुभ कामना, रहें आप खुशहाल ।जैसे जैसे वय बढ़े, बढ़कर काटें माल ॥

बढ़कर काटें माल, काव्य जग में छा जाएं ।

हास्य व्यंग्य की कविताओं से जग महकाएं ।कहते अजय प्रधान, कटे हर रात घनेरी ।

सदा मिले सम्मान, यही इच्छा है मेरी ॥'

प्रसिद्ध ओज कवि शिवकुमार व्यास ने पढ़ा-सूर्य से ले रोशनी, मैं चांद सा दिखता नहीं ,

हूँ भले जुगुनू मगर अपना उजाला है ।'इकाई उपाध्यक्ष जितेन्द्र श्रीवास्तव ने पढ़ा-

'भाई भाई का बना है दुश्मन 

कूकूर बेटवा से प्यारा है।

स्टेटस सिंबल है कूकुर 

बाप पूत से हारा है।'