कोविड ने तो मानों बच्चों की आदत ही बिगाड़ दी है। इस महामारी के बाद बच्चे फोन के आदि होते जा रहे हैं। पेरेंट्स भी बच्चों को फोन चलाने के लिए दे देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है नई टेक्नोलॉजी बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करेगी परंतु स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के लिए भविष्य में परेशानी खड़ी कर सकता है। हाल ही में हुए एक ग्लोबल सर्वे में ऐसे नतीजे सामने आए हैं जिसे जानकर हर माता-पिता को थोड़ा सतर्क होने की जरुरत है। सर्वे के अनुसार, बच्चे जितना जल्दी स्मार्टफोन इस्तेमाल करेंगे उतना ही युवा अवस्था में उन्हें मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आखिर सर्वे में क्या हुआ साबित?
विश्व स्तर पर जारी किए गए सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। इस सर्वे के अनुसार, कम उम्र में बच्चों को स्मार्टफोन (टैबलेट) का इस्तेमाल करने के कारण उनकी मेंटल हैल्थ पर भी इसका असर पड़ा है। ऐसे बच्चे जिन्होंने कम उम्र में ही स्मार्टफोन इस्तेमाल किया है उन सभी में युवावस्था में आने पर आत्महत्या, दूसरों के प्रति गुस्सा, दिमाग में भ्रम पैदा होना जैसी समस्याएं ज्यादा देखी गई हैं।
किन जगहों पर किया गया ये सर्वे?
यह सर्वे 40 से ज्यादा देशों में किया गया है। नए ग्लोबल स्टडी के अनुसार 40 से ज्यादा देशों में 18-24 साल की उम्र में 27,969 एडल्ट्स का डेटा लिया गया था जिसमें भारत के करीबन 4,000 युवा बच्चे शामिल थे। इस डेटा के अनुसार, पाया गया कि स्मार्टफोन से ज्यादा महिलाएं प्रभावित हैं। एज ऑफ फर्स्ट स्मार्टफोन एंड मेंटल वेलबींग आउटकम की स्टडी के अंतर्गलत मेंटल हेल्थ कोशेंट के तहत मानसिक क्षममताओं और लक्षणों का आकलन लिया गया था। इसके अनुसार आंकड़ों की तुलना उत्तरदेने के बीच पहले स्मार्टफोन या फिर टैबलेट के स्वामित्व की रिपोर्ट की आयु से की गई थी।
इस उम्र में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने पर खतरा
सर्वे में कम से कम 74 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थी जिन्होंने करीबन 6 साल की उम्र में पहला स्मार्टफोन इस्तेमाल किया था उन महिलाओं में मेंटल हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं पाई गई वहीं 10 साल की उम्र में पहला स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की हेल्थ से जुड़ी समस्याएं 61ः तक हो गई, 15 साल की उम्र में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की मेंटल हेल्थ से जुड़े मामले करीबन 52ः थे। स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन महिलाओं ने 18 साल की उम्र में पहला स्मार्टफोन इस्तेमाल किया उनमें से 46ः महिलाएं परेशान और संघर्षरत थी। पुरुषों में भी यहीं आंकड़ा था लेकिन उनमें परेशानी थोड़ी कम थी।
माता-पिता के लिए सर्वे में खास मैसेज
इस सर्वे के अनुसार, बच्चों को स्मार्टफोन कम उम्र में न दें। वहीं न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि बच्चों पर अपने साथियों का दबाव ज्यादा है ऐसे में अपने बच्चों पर गौर करें। सामाजिक विकास, मानसिक रुप से मजबूत करवाने के लिए बच्चों को स्मार्टफोन से दूर ही रखना बेहतर होगा।
कम उम्र में स्मार्टफोन बनेगा बच्चों के लिए खतरा, समय से पहले शुरु हो जाएंगी मानसिक बीमारियां
Smartphone will become a danger for children at an early age, mental diseases will start before time
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