सरकारी भूमि पर लगे आम के पेड़ पर चला दबंगों का आरा।

Sitapur

by aawaz India news up
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सरकारी भूमि पर लगे आम के पेड़ पर चला दबंगों का आरा।

 

निष्पक्ष जन अवलोकन सीतापुर।

ब्यूरो चीफ सतीश कुमार सिंह परमार।

महमूदाबाद,सीतापुर इतना ही नहीं पेड़ कटवाने वाले व्यक्ति ने उसकी बिक्री भी कर दी। इससे लगता है कि कहीं ना कहीं पेड़ को कटवाने वाले व्यक्ति को किसी ना किसी का संरक्षण तो प्राप्त नहीं। अगर नहीं तो उसने किसके कहने पर आम के हरे भरे पेड़ पर चलवाया आरा।आपको बताते चलें कि केन्द्र सरकार की तरफ से हर गांव में पानी टंकी बनवाने का कार्य बहुत बड़े पैमाने पर चल रहा है।

इसी कड़ी में लगभग सभी गांवों में पानी टंकी का कार्य चल रहा है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जनपद सीतापुर की ब्लाक पहला क्षेत्र की ग्राम पंचायत पहला में पानी टंकी की बोरिंग का कार्य चल रहा है।

उसी भूमि पर एक बहुत पुराना विशालकाय आम का पेड़ लगा था। जिसको वर्तमान प्रधान के द्वारा किसी लकड़कट्टे के हांथ बिना संबंधित अधिकारियों के सूचना दिए एवं बिना सरकारी कालम पूरा किए लकड़ी ठेकेदार से मोटी रकम लेकर बेच दिया है‌।

खैर मीडिया टीम मौके पर पहुंच कर ट्रैक्टर ट्राली सहित फोटो एवं विजुअल बनाया। उसके बाद फड़ पर मौजूद लेबरों से जानकारी की कि इस विशालकाय आम के पेड़ को कौन कटवा रहा है। तो लेबरों ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधान कटवा रहे हैं। इतने में मौके पर प्रधान आ गये। जब प्रधान से जानकारी की गयी तो प्रधान ने जो बताया वह काफी हास्यास्पद लगा। उसके बाद प्रधान ने कहा कि आपको बता दें कि इस पेड़ को बेचकर क्षेत्रीय लेखपाल, स्थानीय पुलिस, एवं फारेस्ट विभाग इन अधिकारियों को रूपये देना है। इस बात को मीडिया कर्मी कैमरे में कैद नहीं कर पाये‌। उपरोक्त प्रकरण की जानकारी करने के लिए उपजिलाधिकारी महमूदाबाद मिथलेश कुमार त्रिपाठी एवं तहसीलदार महमूदाबाद से सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया फोन की घंटी बजती रही मगर दोनों अधिकारियों ने फोन पर बात करना मुनासिब नहीं समझा। तत्पश्चात मीडिया कर्मी के द्वारा वन क्षेत्राधिकारी महमूदाबाद को फोन मिलाकर मौके की जानकारी दी। तो उन्होंने कहा कि यह प्रकरण रेव्न्यू विभाग का है। जब तक उपजिलाधिकारी महोदय हमें आदेश नहीं देंगे तब तक हम कोई ठोस कदम नहीं उठा सकते। उसके बाद थानाध्यक्ष रामपुर कला एवं सरैंया चौकी इंचार्ज को सूचना दी गई।जब तक पुलिस जीरो ग्राउंड पर पहुंची। तो वहां से लकड़ी लदी ट्रेक्टर ट्राली गायब हो चुकी थी। अगले दिन मीडिया कर्मी ने क्षेत्रीय लेखपाल को फोन पर जीरो ग्राउंड की जानकारी दी तो लेखपाल ने कहा मैं जानकारी करके उचित कार्यवाही करूंगा।

खबर लिखने से पहले क्षेत्रीय लेखपाल से उक्त प्रकरण की जानकारी हेतु कई बार फोन किया गया तो लेखपाल के फोन की घंटी बजती रही। मगर बात नहीं हो पायी।अब सभी प्रशासनिक अधिकारी मीडिया के प्रश्नों के घेरे में – 1-क्या योगी सरकार में स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की यही कार्यशैली रहेगी।2-क्या योगी सरकार में ऐसे ही स्थानीय कर्मचारियों की कार्यशैली रहेगी या फिर सुधार होगा।3-क्या योगी सरकार में ऐसे ही सरकारी भूमि पर लगे पेड़ों पर आरा चलते रहेंगे।4-क्या योगी सरकार में सरकारी भूमि पर लगे पेड़ों पर ऐसे ही आरा चलता रहेगा।5-क्या योगी सरकार में किसी भी सूचना देने के लिए स्थानीय तहसील प्रशासन की यही कार्यशैली रहेगी।6-जब योगी सरकार में उपजिलाधिकारी महमूदाबाद मिथलेश कुमार त्रिपाठी के द्वारा आनन फानन में वकीलों के खिलाफ कोतवाली महमूदाबाद में मुकदमा पंजीकृत करवा सकते हैं।तो सरकारी भूमि पर लगे प्रतिबंधित पेड़ को कटवाने वाले ग्राम प्रधान के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत नहीं करवा सकते।अब देखना यह है कि योगी सरकार में उपजिलाधिकारी मिथलेश कुमार त्रिपाठी का आदेश एवं कलम में ताक़त दिखती है। या फिर लकड़ी कटवाने वाले ग्राम प्रधान एवं लकड़कट्टों की ताकत सामने दिखती है।यह सारे सवाल गर्भ में छुपकर जवाब मांग रहे हैं। अब देखते हैं कौन देगा जवाब‌।

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