ब्रेस्ट की हर गांठ नहीं होती कैंसर का संकेत, जानिए इसके कारण और इलाज

Not every breast lump is a sign of cancer, know its causes and treatment

ब्रेस्ट की हर गांठ नहीं होती कैंसर का संकेत, जानिए इसके कारण और इलाज
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फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट यानि ब्रेस्ट में गांठें बनना, लगभग 50ः महिलाओं को यह समस्या कभी न कभी होती है। आमतौर पर 20 से 24 साल की लड़कियों को यह समस्या अधिक होती है, जिसका कारण काफी हद तक गलत लाइफस्टाइल है। फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट, एक या दोनों स्तनों में हो सकता है। चलिए आज हम आपको इस बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में पूरी जानकारी देते हैं, जो हर महिला को पताहोना बहुत जरूरी है। ब्रेस्ट में गांठ बनने के कारण -ब्रेस्ट टीशू में फैट बढ़ जाने से भी गांठ पड़ जाती है जबकि ये गांठ कैंसर नहीं बल्कि सामान्य भी हो सकती है। पीरियड्स की गड़बड़ी, प्रेग्नेंसी, पीरियड्स का बंद होना, हार्मोंस में बदलाव, ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान दूध का रूक जाने के कारण ब्रेस्ट में गांठ बन जाती है। -टाइट ब्रा पहनने के कारण भी महिलाओं को ब्रेस्ट में गांठ की समस्या हो सकती हैं। दरअसल, टाइट ब्रा पहनने से विषैले पदार्थ बाहर निकल पाते और ब्रेस्ट में ही जम जाते हैं, जो धीरे-धीरे गांठ का रूप ले लेते हैं। ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप ज्यादा टाइट ब्रा ना पहनें और अगर किसी कारण पहननी पड़ें तो कोशिश करें कि इसे 7-8 घंटे से ज्यादा ना वियर करें। किन औरतों को अधिक खतरा हर उम्र की महिलाओं को हो सकती है लेकिन ये नई बनी माताओं को अधिक होती है खासकर नई युवा महिलाओं को जो मां बनने वाली हैं। वहीं हार्मोंस में आए बदलाव के कारण बढ़ती उम्र में कई बार ब्रेस्ट में गांठ महसूस होने लगती है लेकिन ज्यादातर औरतेें इसे कैंसर समझ लेती हैं जबकि यह उससे बिल्कुल अलग है। ब्रेस्ट में गांठ के लक्षण ब्रेस्ट में सूजन व दर्द स्तनों का आकार बढ़ना ब्रेस्ट का सख्त होना स्तनों का मोटा होना निपल से खून निकलना बाजुओं के निचे दर्द होना अब जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे, जिससे आप ब्रेस्ट में पड़ी गांठों से छुटकारा पा सकते हैं। फ्लैक्ससीड्स ऑयल फ्लैक्ससीड्स यानि अलसी के बीजों का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो ब्रेस्ट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट एस्ट्रोजेन हार्मोन से संबंधित है और फ्लैक्ससीड्स इसके संतुलन को बनाए रखने में मददगार होते हैं। प्रिमरोज तेल प्रिमरोज यानि वसंती गुलाब का तेल से रोजाना 10-15 मिनट ब्रेस्ट की मसाज करें। इससे गांठें निकल जाएंगी। इसमें गामा-लिनोलेनिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो कि ब्रेस्ट के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हर्ब्स डेंडेलियन लीफ , यारो और उवा इरसी जैस आयुर्वेदिक हर्ब्स भी ब्रेस्ट में पड़ी गांठों से छुटकारा दिलाएंगे। इसके लिए आप किसी भी हर्ब को पीसकर ब्रेस्ट पर लगाएं। विटामिन-ई शोध के मुताबिक, डाइट में विटामिन ई सप्लीमेंट्स लेने से फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। मगर फिर भी विटामिन की खुराक लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। अदरक तेल अदरक का तेल का यूज करने से फायब्रोसीस्टिक ब्रेस्ट के दर्द से राहत मिलती है। कुछ समय के लिए अदरक तेल से प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें और फिर गर्म कॉम्प्रेस लगाए। नियमित रूप से दिन में 2 बार इसका इस्तेमाल करने से आप खुद फर्क महसूस करेंगी। इन बातों का भी रखें ख्याल -शोध के मुताबिक, स्तन दर्द से पीड़ित 61ः महिलाओं ने 1 साल के लिए कैफीन का सेवन बंद कर दिया, जिससे उन्हें इससे 10ः तक राहत मिली थी। -अपनी डाइट में ऐसे आहार लें, जिसमें फैट व कैलोरी की मात्रा कम हो। इससे फायब्रोसीस्टिक ब्रेस्ट का खतरा 20ः तक कम होता है। -धूम्रपान, शराब और तंबाकू का सेवन करने से बचें। इससे सिर्फ फायब्रोसीस्टिक ब्रेस्ट ही नहीं बल्कि कैंसर का खतरा भी काफी हद तक होगा। ब्रेस्ट पर किसी भी तरह की गांठ दिखाई दे तो इसकी जांच जरूर करवाएं, जिससे पता लगाने में आसानी हो जाएगी कि यह कैंसर है या कुछ और। ज्यादातर मामलों में यह दर्द रहित होती है। साथ ही हर महीने मैमोग्राफिक जांच भी करवाती रहें, ताकि समय रहते ब्रेस्ट कैंसर या अन्य किसी भी तरह की प्रॉब्लम का पता लगाकर उसका इलाज करवाया जा सकें।